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जिलाध्यक्ष खरे न उतरे तो जाएगा पद: कांग्रेस

संगठन को मजबूत करने में जुटी कांग्रेस
भोपाल (जयलोक)। कांग्रेस ने यह वर्ष संगठन निर्माण के लिए समर्पित किया है। इसके तहत राज्य अपने-अपने संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुट गए हैं। मप्र कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार बदलाव कर रही है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी जमीन पर काम करने वाले युवाओं को मौका दे रहे हैं। जब से प्रदेश के नए प्रभारी हरीश चौधरी ने पद संभाला है इसमें और तेजी आ गई। हरीश चौधरी पटवारी के साथ लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं, और संगठन को मजबूत करने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस के नए जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की कवायद तेज हो गई है। जिला अध्यक्षों के नामों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी के साथ चर्चा हो चुकी है। दरअसल, आलाकमान के निर्देशानुसार मप्र कांग्रेस ऐसे नेताओं को जिम्मेदारी सौंपने जा रही है जो सक्रिय हों। इसकी वजह यह है कि कांग्रेस अब तीन माह में जिला अध्यक्षों का रिपोर्ट कार्ड लेगी, जो जिलाध्यक्ष खरे नहीं उतरेंगे तो उनको चलता कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि अब देशभर में संगठन की मजबूत पर काम कर रही कांग्रेस ने तय किया है कि संगठन निर्माण और उसके क्रियाकलापों की बारीकी से निगरानी होगी। जिला और शहर अध्यक्षों को टाइमलाइन बनाकर लक्ष्य सौंप दिया गया कि जून तक गांव और वार्ड स्तर पर कमेटियां बना लेनी हैं। इतना ही नहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने तो दो टूक कह दिया है कि यदि तीन माह बाद जिला और शहर अध्यक्षों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा। जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। कांग्रेस ने यह वर्ष संगठन निर्माण के लिए समर्पित किया है। इसी के तहत अलग-अलग राज्यों के समूह बनाकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य वरिष्ठ नेता जिला व शहर अध्यक्षों के साथ बैठकें कर रहे हैं। इसमें बताया गया कि इसी मई यानी अगले माह तक मंडल कांग्रेस कमेटियों का गठन कर लेना है। प्रत्येक मंडल कमेटी के अंतर्गत 15 से 20 बूथ होंगे। इसी समय सीमा में प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को दो-दो बूथ लेवल एजेंट (बीएलए-1 और बीएलए-2) की नियुक्ति करनी है। हर विधानसभा और लोकसभा सीट पर संगठन को इतना मजबूत बनाना होगा कि यदि सहयोगी दलों से गठबंधन न हो सके तो कांग्रेस अपने बूते पर मजबूती से चुनाव लड़ सके। संदेश यही था कि संगठन की कमजोरी के चलते ही कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं के मनोबल और मंशा की अनदेखी कर मजबूरन कई राज्यों में गठबंधन में चुनाव लडऩा पड़ रहा है। निगरानी के लिए मजबूत तंत्र की रणनीति संगठन निर्माण से लेकर पार्टी की सभी गतिविधियों के संयोजन व समन्वय के लिए भी कांग्रेस ने नए तंत्र पर काम शुरू किया है। इसी माह अप्रैल में सभी राज्यों में स्टेट साथी केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। सूत्रों ने बताया कि साथी केंद्र जिला स्तर पर भी बनेंगे। राज्य और जिला साथी केंद्रों में वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया जाएगा। वह प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेंगे, अमल के लिए सुझाव देंगे और रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाएंगे। इसी तरह मई तक सभी राज्यों में एआइसीसी रोल आब्जर्वर नियुक्त किए जाएंगे, जो मतदाना सूची संबंधी गतिविधियों और संगठन निर्माण प्रक्रियों में सहयोग के साथ निगरानी का दायित्व संभालेंगे।
बूथ लेवल एजेंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रम
गांव कांग्रेस कमेटी और वार्ड कांग्रेस कमेटियों के गठन के लिए जून, 2025 तक का समय दिया गया है। जून तक ही बूथ लेवल एजेंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी पूरा करना है। इसके अलावा मतदाता सूची से संबंधित गतिविधियां लगातार चलाई जाएंगी। कार्यकर्ताओं के लिए जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण सत्र भी सतत चलाने होंगे। बैठक में शामिल सूत्रों ने बताया कि कुछ जिलाध्यक्षों ने सुझाव दिया कि अब कुछ राज्यों में पार्टी को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बिना गठबंधन के चुनाव लडऩा चाहिए। राहुल गांधी ने उनकी भावनाओं की सराहना करते हुए कहा कि वह स्थिति भी आपको ही बनाना है।

 

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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