जबलपुर (जयलोक)
वर्तमान में पूरे प्रदेश में धान सत्यापन का काम प्रमुखता से किया जा रहा है। लेकिन काम चोरी की नियत रखने वाले लोग अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाकर अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं। ऐसा ही एक पटवारी महोदय का मामला सामने आया है। उक्त पटवारी अपने हलके में कार्य करने के बजाए जबलपुर में आराम से बिजली की दुकान संचालित करते पाए गए। दूसरी ओर इन पटवारी द्वारा एक महीने का मेडिकल अवकाश का आवेदन भी दिया गया था। एसडीएम को संदेह हुआ तो उन्होंने तहसीलदार को जांच करने के निर्देश दिए जब बात की सत्यता सामने आई तो पता चला कि बीमारी का आवेदन झूठा है और पटवारी अन्य व्यवसाय गतिविधि में संलिप्त है। इसके बाद एसडीएम के द्वारा उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और 3 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है।
उक्त घटना क्रम के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार समीपस्थ जिले कटनी के बहोरीबंद तहसील के एक पटवारी सुयश सिंघई लगातार अपने काम से नदारत थे। बहोरीबंद के हल्का नंबर 32 ग्राम कूड़ा की जिम्मेदारी उक्त पटवारी के पास थी। एसडीएम राकेश कुमार चौरसिया ने धान पंजीयन के सत्यापन का कार्य करने हेतु सभी पटवारी को शासकीय व्हाट्सएप गु्रप के माध्यम से यह संदेश भेजा था कि सभी हल्का पटवारी धान सत्यापन के कार्य को पूरा करें और तहसील कार्यालय पहुंचकर धान सत्यापन करें। निर्देश के बाद पटवारी सुयश सिंघई ने सुबह स्वास्थ्य खराब होने का बहाना बताकर एक दिवस का अवकाश ले लिया।शनिवार को दोपहर में तहसीलदार बहोरीबंद ने फिर से शासकीय ग्रुप के माध्यम से सभी हल्का पटवारी को शेष बचे हुए धान सत्यापन के कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके बाद उक्त पटवारी ने सीढ़ी से गिर जाने के कारण कमर में चोट आने का बहाना बताया और एक माह के लिए डॉक्टर की सलाह पर बेड रेस्ट करने का बहन बात कर अवकाश का आवेदन प्रस्तुत कर दिया। एसडीएम चौरसिया को इस बात में संदेह हुआ तो उन्होंने तहसीलदार को पटवारी के संबंध में जानकारी एकत्रित करने के लिए कहा और सच्चाई पता लगाने के निर्देश दिए। इसके बाद यह जानकारी प्राप्त हुई कि पटवारी जबलपुर में अपनी (इलेक्ट्रिक )बिजली की दुकान संचालित करते पाए गए हैं। इसके तत्काल बाद उन्हें 3 दिन के अंदर कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा गया है संतोष जनक जवाब नहीं होने पर प्रशासन अपने स्तर पर कार्यवाही करेगा।