जबलपुर (जयलोक)। नगर निगम जबलपुर के सबसे प्रमुख और सबसे महंगे क्षेत्र नया बाजार के दुकानदार नगर निगम पर भारी पड़ गए हैं। इन दुकानदारों से नगर निगम को 40 करोड़ रूपये से अधिक की राशि वसूल करना है। लेकिन इतनी बड़ी राशि को नगर निगम वसूल करने में नाकाम साबित हो रहा है। नया बाजार के व्यापारियों ने नगर निगम को कई वर्षों से कानूनी दांव पेचों में उलझाकर रखा है और वे अभी भी नगर निगम को कानूनी दांव पेचों में उलझाए हुए हैं।
नगर निगम की नया बाजार में 65 दुकानें हैं। इन सभी दुकानदारों ने अवैध कामों की सभी हदें पार कर दी हैं। दुकानदारों ने अपनी दुकानों के पीछे दस फुट और सामने की ओर 20 फुट की जगह पर कब्जा कर लिया है। इस कब्जे वाली जमीन पर सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानों को बढ़ाकर निर्माण भी कर लिया। दुकानदारों ने ना सिर्फ भूतल पर अपनी दुकानों को अवैध रूप से बढ़ा लिया बल्कि अपनी दुकानों को बहुमंजिला भी अवैध रूप से बना लिया है। नगर निगम पिछले 15-20 वर्षों से इन दुकानदारों द्वारा किए गए अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाही करने में लगी हुई है। लेकिन नगर निगम को किसी भी तरह की कामयाबी नहीं मिली है। इन दुकानदारों से नगर निगम को जहाँ उनके अवैध निर्माण को लेकर जुर्माने की बड़ी राशि करोड़ों रूपये की वसूल करना है। वहीं बढ़ाई गई दुकानों का किराया भी नगर निगम को लेना है। लेकिन दुकानदार ना तो जुर्माना भरने तैयार है और ना ही बढ़ा हुआ किराया देने तैयार है।
यदि और किसी ने ऐसा किया होता तो नगर निगम छोड़ती नहीं
नगर निगम के स्वामित्व के नया बाजार में वहां के दुकानदारों द्वारा जिस तरीके से अवैध रूप से निर्माण किए गए हैं। यदि इस तरह का निर्माण किसी निजी व्यवसायिक क्षेत्र में हुआ होता तो नगर निगम अभी तक ना जाने कब का यह निर्माण तोड़ चुकी होती। यह आश्यर्चजनक है कि नगर निगम अपनी ही जमीन पर हुए अवैध निर्माण को तोडऩे की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। नगर निगम इस लालच में है कि उसे दुकानदार जुर्माने के रूप में 40 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान कर देंगे। लेकिन नगर निगम की इन उम्मीदों पर दुकानदार मूछों पर ताव देकर पानी फेर रहे हैं।
कई दौर की हो चुकी है चर्चा
नया बाजार के व्यापारियों से नगर निगम ना जाने कितने वर्षों से चर्चा करता आ रहा है। लेकिन हमेशा यह चर्चा बेनतीजा ही रहती है। नगर निगम की आयुक्त प्रीति यादव भी इन दुकानदारों से बैठक करके चर्चा कर चुकी हैं। लेकिन उन्हें भी किसी तरह की कामयाबी अभी नहीं मिल पाई है।
जनप्रतिनिधियों को नगर निगम से ज्यादा व्यापारियों की ङ्क्षचता
नया बाजार के 65 दुकानदारों से 40 करोड़ रूपये की एक बड़ी राशि वसूल करने को लेकर जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी चर्चाओं में हैं। जानकार यह बताते हैं कि जनप्रतिनिधियों को नगर निगम के हित से ज्यादा व्यापारियों के हितों की चिंता है। ये जनप्रतिनिधि नया बाजार के मामले को शासन के स्तर पर भी लटकाने में भूमिका निभा रहे हैं। वहीं विपक्षी पार्षद नया बाजार की 40 करोड़ की राशि वसूलने का इस आधार पर समर्थन कर रहे हैं कि इतनी राशि मिल जाने पर नगर निगम के सभी वार्डों के विकास के लिए बड़ी राशि एक ही जगह से मिल सकती है।
अब रिश्वत लेने व देने के ठोस सबूत होने पर ही माना जाएगा भ्रष्टाचार
