जबलपुर (जयलोक)। राज्य सभा सदस्य एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनी है जिसका आज शाम को प्रदर्शन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में सबसे कम उम्र के महाधिवक्ता रहे, देश के नामवर वकील विवेक कृष्ण तन्खा लगभग ने खुद को पांच दशकों से पीडि़त मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया है। पिता जस्टिस राजकृष्ण तन्खा से विरासत में मिली परम्परा को आगे बढ़ाते हुए देश भर में सेवा का हाथ बढ़ाया। जब भी जहाँ भी कोई प्राकृतिक आपदा आयी हो या फिर किसी तरह की विपत्ति विवेक तन्खा अपनी रोटरी टीम के साथ मदद के लिए मोर्चे पर नजर आते हैं।
गुजरात का भूकम्प हो या जम्मू कश्मीर का जलजला उत्तराखंड की बाढ़ हो या कोरोना का दिल दहलाने वाला दौर विवेक तन्खा मसीहा बनकर आगे आए और दिन रात मानवीय सेवा के लिए डटे रहे। जबलपुर और प्रदेश के कई शहरों में कोरोना के दौरान आक्सीजन की कमी के चलते जब हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ गयी थी, तब आपने अपने निजी प्रयासों से पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध करायी, जिससे उदास चेहरों में रौनक लौट आयी। जबलपुर में 1997 में आए विनाशकारी भूकम्प के दौरान भी बेघर हुए लोगों के पुनर्वास हेतु आपकी दरिया दिली को हमेशा याद रखा जाएगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आपकी सेवा का दायरा बहुत बड़ा है, जबलपुर, मण्डला, शहडोल, बिलासपुर, सतना सहित कई जिलों में लगे मेडिकल केम्प लाखों मरीजों के लिए राहत बने। अगले माह चंबल मेंं आयोजित मेडिकल केम्प में भी एक लाख मरीजों को राहत पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हमेशा पीडि़त मानवता की सेवा करने वाले विवेक तन्खा के जीवन पर पहली बार डाक्यूमेन्ट्री फिल्म बनायी गयी है, जिसे आज शाम 5 बजे से नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक केन्द्र में देखा जा सकेगा।
