जबलपुर (जयलोक)
जबलपुर दौरे पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आज दूसरे दिन पत्रकारवार्ता में भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने भाजपा की योजनाओं, वादों और सदस्यता अभियान की पोल खोल दी। उन्होंनें प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ भी अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि मोहन यादव अब मौन यादव हो गए हैं। पत्रकारवार्ता में पूर्व विधायक विनय सक्सेना, संजय यादव, ग्रामीण अध्यक्ष डॉ. नीलेश जैन, शहर अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा, द्वारका मिश्रा आदि मौजूद रहे।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. मोहन यादव की सरकार पर जमकर हमला बोला वहीं उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अराजकता का माहौल है और मुख्यमंत्री लापता हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा प्रदेश में अराजकता का माहौल है, कानून-व्यवस्था की कोई खैर खबर लेने वाली स्थिति नहीं है। मुख्यमंत्री कभी हरियाणा, बिहार तो कभी यूपी प्रचार में जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की इनको चिंता नहीं है, प्रदेश के मुद्दों पर मोहन यादव जी अब मोहन यादव नहीं रहे अब मौन यादव हो गए हैं।
भाजपा सदस्यता अभियान पर कसा तंज
नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा के सदस्यता अभियान पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि सदस्यता अभियान की पोल खुद विधायक अजय विश्नोई ने खोल दी है। ठेके पर सदस्यता अभियान प्रदेश में चल रहा है। कॉलेज के युवाओं को दबाव बनाकर जबरन सदस्य बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं सदस्यता के लिए कई जिले के कलेक्टरों पर भी दबाव बनाया जा रहा है।
भाजपा अमल नहीं करती गीता और रामायण पर
उमंग सिंघार ने भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर कहा कि भाजपा अपने घोषणा पत्र को गीता और रामायण बताती है लेकिन उस पर अमल नहीं करती। भाजपा की योजनाएं भी अधूरी हैं, लाडली बहनों को 3000 महीना देने का वादा अब तक पूरा नहीं किया। 3100 रूपए में धान खरीदने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक पॉलिसी नहीं बनी। उन्होंने कहा कि सोयाबीन की फसल उत्पादन का 20 प्रतिशत भी सरकार नहीं खरीदती है।
स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर प्रदेश में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जनता को अनाप शनाप बिजली बिल भेजकर लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका मुद्दा वे विधानसभा में उठाएंगे। नेता प्रतिपक्ष प्रेस कान्फ्रेंस के बाद कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वहीं इसके बाद आज शाम वे बरगी विधानसभा के अंतर्गत बड़ा देव डेम के प्रभावित आदिवासी किसानों से शिलुआ गांव में मुलाकात करेंगे। यहां उनकी समस्याएं सुनेंगे। वहीं लोगों को शिलुआ गांव ले जाने के लिए सर्किट हाउस में वाहनों की व्यवस्था भी की गई है।