डॉ. नवीन जोशी
भोपाल (जयलोक)। प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगभग 65 जंगली हाथी हैं तथा 14 पालतु हाथी भी हैं। जंगली हाथियों से पेट्रालिंग कैम्प में रह रहे वन सुरक्षाकर्मी की सुरक्षा एवं मानव वन्यप्राणी द्वंद रोकने में अब जेसीबी मशीन का उपयोग होगा। इस मशीन से सम्पत्ति नष्ट होने से बचा जा सकेगा तथा हाथियों को पकडकऱ परिवहन करने, पालतु हाथियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने हेतु रैम्प बनाने तथा घास मैदानों में सुधार हेतु ब्रशवुड उन्मूलन करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में रिजर्व में कोई जेसीहबी मशीन है भी नहीं। इसके लिये चार माह के लिये 15 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से जेसीबी मशीन किराये पर ली जायेगी जिसके लिये टाइगर रिजर्व ने 6 लाख रुपयों का बजट प्रस्ताव बनाकर भोपाल स्थित वन्यप्राणी मुख्यालय भेजा है।
हाथियों के मरने की घटना पर दस लाख व्यय हुये- इधर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 अक्टूबर 2024 को जंगली हाथियों की कोदो कुटकी खाने से हुई मौत पर टाइगर रिजर्व अमले ने हाथी की सुरक्षा एवं निगरानी कार्य 31 अक्टूबर 2024 तक किया तथा इस दौराना जंगली हाथियों के इलाज एवं मृत्यु के दौरान उनके पीएम का सेम्पल भेजने विशेषज्ञ एवं वेटनरी डाक्टरों की व्यवस्था, वनकर्मियों के कैम्प, भोजन आदि पर दस लाख रुपये व्यय किये गये। अब इस राशि की प्रतिपूर्ति के लिये भी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने वन्यप्राणी मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है।