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भाजपा अध्यक्ष : नहीं बन पा रही पंच सहमति, चयन हुआ चुनौतीपूर्ण

बड़े नेताओं के बीच नहीं बन रहा समन्वय,बड़े जिलों में अध्यक्ष का निर्णय दिल्ली से ही होगा

जबलपुर(जय लोक)। भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनाव में मध्य प्रदेश के 60 संगठन जिलों में से 7-8 जिले ऐसे हैं जिनमें किसी भी एक नाम पर पंच सहमति नहीं बन पा रही है। इसी का परिणाम है कि अध्यक्ष पद पर चयन अब और चुनौती पूर्ण बनता जा रहा है। भाजपा सत्ताधारी दल है और बहुत से नेता पार्टी से अपेक्षा रखकर दावेदारी कर रहे हैं। दूसरी ओर अब यह स्पष्ट हो चुका है कि मध्य प्रदेश के बड़े शहर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, दमोह, सागर, रीवा आदि शहरों में जहां स्थानीय विधायक और मंत्रियों के बीच में अध्यक्ष पद के नाम पर समन्वय स्थापित नहीं हो पा रहा है और पंच सहमति नहीं बन पा रही है ऐसे जिलों के निर्णय दिल्ली से ही होंगे।भारतीय जनता पार्टी में निष्ठावान कार्यकर्ताओं और बड़े नामों की कमी नहीं है कमी है तो बस पंच सहमति की। वर्तमान में अभी कोई भी नाम ऐसा नहीं है जिस पर यह पंच सहमति प्राप्त हो।
जिला अध्यक्ष पद पाने के लिए दावेदार के पास पंच सहमति होना महत्वपूर्ण है। तभी जाकर एक राय के आधार पर अध्यक्ष पद पर जिम्मेदारी संभालने वाले नाम पर अंतिम मोहर लगा सकती है। पंच सहमति प्राप्त करना भी अपने आप में बहुत बड़ा कार्य है। इस पंच सहमति के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं और बहुत सारे राजनीतिक समीकरणों को बैठाना पड़ता है। वर्तमान परिदृश्य में जबलपुर जिला और ग्रामीण नगर अध्यक्ष के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को यह पंच सहमति प्राप्त करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए जिले की राजनीति में विशेष प्रभाव रखने वाले कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह, नवनिर्वाचित सांसद आशीष दुबे, संघ, संगठन एवं विधायकों की यह पंच सहमित बेहद आवश्यक है। बिना इन पंच सहमतियों के अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल किसी भी नाम पर सहमति बन पाना संभव नहीं है। यही पंच सहमति नहीं बन पाने के कारण ही चयन और चुनौतीपूर्ण हो गया है।

प्रभात साहू को रिपीट करने की माँग उठी, मुख्यमंत्री से मिले सांसद, पूर्व विधायक

जबलपुर भाजपा में गुटबाजी अपने चरम पर है यह बात हर भाजपा का कार्यकर्ता भली भांति जानता है। नेताओं के बीच में भी आपसी तालमेल बिगड़ा हुआ है। नगर और ग्रामीण दोनों ही स्थान पर यही स्थिति बनी हुई है। विगत दिवस जबलपुर के वरिष्ठ भाजपा नेताओं का एक समूह प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी मिलने पहुँचा। इसके अलावा संगठन के वरिष्ठ नेताओं से भी जबलपुर से गए नेताओं की मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाद से यह चर्चा सरगर्म हो गई है कि इस समूह में शामिल नेताओं ने एक राय होकर वर्तमान नगर अध्यक्ष प्रभात साहू को ही रिपीट करने की माँग उठाई है। इस बात का सबसे बड़ा आधार यह है कि वर्तमान नगर अध्यक्ष का कार्यकाल अभी बहुत छोटा है और संगठन की ओर से यह बात पूर्व में जाहिर की जा चुकी है कि जिन अध्यक्षों का कार्यकाल बहुत छोटा रहा है उन्हें रिपीट किया जा सकता है। पूर्व महापौर वर्तमान नगर अध्यक्ष प्रभात साहू स्पष्टवादी और मुखर वक्तव्य देने के लिए अलग पहचान रखते हैं बेबाकी से पार्टी के प्लेटफार्म में भी खुलकर अपनी बातें रखते हैं। हालांकि इस निर्णय पर भाजपा के अन्य नेताओं को आपत्ति हो सकती है और सभी के बीच में चर्चित हो रहे नाम को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है। हालांकि मुख्यमंत्री से मिले नेताओं का कहना है कि वह सामान्य रूप से अन्य विषयों पर चर्चा करने मुख्यमंत्री से मिलने पहुँचे थे। नगर अध्यक्ष पद का निर्णय संगठन को लेना है और यह कार्य संगठन द्वारा किया जा रहा है।
पाँच कसौटी करना होगी पूरी- सूत्रों के अनुसार भोपाल से फाइनल कर दिल्ली भेजे जा रहे नाम के पैनल को पाँच कसौटी पूरी करना होगी तभी अंतिम निर्णय तक पहुँच पाएंगे। इन कसौटी में सबसे पहले जातीय आधार, क्षेत्रीय समीकरण, किस वर्ग से प्रतिनिधित्व है, उम्र की सीमा, और पाँचवा पार्टी के प्रति किए गए सकारात्मक या नकारात्मक कार्य। दिल्ली से भेजे गए प्रोफॉर्मा प्रदेश संगठन को भेजे जाने की जानकारी पूर्व में प्राप्त हुई थी इन्हीं बिंदुओं के आधार पर जानकारी मांगी गई थी। अब महिला, एसटी वर्ग, सामान्य वर्ग या युवा नेता किसको नगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी यह आज या कल में तय हो जाएगा।

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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