दिग्विजय सिंह और सज्जन वर्मा जैसे दिग्गजों ने प्रदेश में भी कार्यवाही की माँग उठाई
जबलपुर (जयलोक)। कांगे्रस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा गुजरात में भाजपा समर्थक कांग्रेसियों को कांगे्रस से बाहर निकालने का ऐलान कर दिया है। उनके इस बयान से कांगे्रस में देशव्यापी खलबली मची हुई है। राहुल गांधी के बयान का कांगे्रस के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने स्वागत करते हुए शीघ्र ही इस घोषणा पर अमल करने की माँग की है। वहीं प्रदेश कांगे्रस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी से तत्काल प्रदेश की अनुशासन समिति की बैठक बुलाकर भाजपा समर्थक कांगे्रसियों को बाहर निकालने की माँग की है। राहुल गांधी के भाजपा समर्थक कांगे्रसियों को निकाल बाहर करने के ऐलान के बाद शहर में भी मौजूद भाजपा समर्थक कांगे्रेसियों में भी खलबली मची हुई है।
भाजपा समर्थक कांगे्रेसियों को लेकर एकाएक आक्रामक हुए राहुल गांधी का यह मानना है कि दो तरह के कांग्रेसी हैं एक वह कांग्रेसी हैं जो कांग्रेस के विचारधारा में विश्वास रखते हैं और जनता की इज्जत करते हैं। दूसरे ऐसे कांग्रेसी हैं जो जनता से दूर रहते हैं और इनमें से आधे से ज्यादा भाजपा के साथ मिलकर काम करते हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं को लेकर राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस की मजबूती के लिए ऐसे नेताओं को कांग्रेस से बाहर निकालने का काम करेंगे।
ताकि भाजपा समर्थक कॉंग्रेसी पूर्ण रूप से भाजपा का काम कर सकें
राहुल गांधी का मानना है कि कांग्रेस को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो जनता की समस्याओं को समझें और उनके साथ खड़े हों। राहुल गांधी चाहते हैं कि कांग्रेस नेताओं को जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं में भागीदार बनना चाहिए। राहुल गांधी ने यहाँ तक कह दिया है कि भाषण देने या नारे लगाने की जरूरत नहीं है बल्कि जनता के साथ खड़े होकर उनकी आवाज बनना होगा। अब बारात के घोड़े को रेस में और रेस के घोड़े को बारात में नहीं भेजा जाएगा। कांग्रेस को मजबूत करने के लिए नेताओं को छानना पड़ेगा और पहले की गलतियों को दोहराया नहीं जाएगा और जो नेता भाजपा के लिए काम कर रहे हैं उन्हें कांग्रेस से इसलिए निकाला जाएगा ताकि वे भाजपा के लिए खुलकर काम कर सकेंगे।
भाजपा समर्थक कांग्रेसियों की 5 सौ शिकायतों पर विचार होना है
प्रदेश कांगे्रस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने राहुल गांधी के बयान को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि प्रदेश में कांगे्रस के उन नेताओं को बाहर निकाला जाना चाहिए जिन्होंने भाजपा से मिलकर पार्टी को हराने का काम किया है। श्री वर्मा ने प्रदेश कांगे्रस के नव नियुक्त प्रभारी हरीश चौधरी से माँग की है कि भाजपा समर्थक कांगे्रसियों पर कार्रवाही के लिए तत्काल अनुशासन समिति की बैठक बुलाई जाना चाहिए। कांगे्रस के कई लोगों ने पिछले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में पार्टी को आघात पहुँचाया है और पदों में रहते हुए उम्मीदवारों को हराने की कोशिश भी की है। प्रदेश कांगे्रस के पास भीतरघात करने वाले कांगे्रसियों की पाँच सौ से अधिक शिकायतें विचाराधीन हैं। इन कांगे्रसियों में कांगे्रस के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधी भी शामिल हैं।
शहर में भी मौजूद हैंं भाजपा समर्थक कॉंग्रेसी
जबलपुर शहर में भी भाजपा समर्थक कांगे्रसियों की बड़ी संख्या है, ऐसे कांगे्रसियों ने पिछले विधानसभा के चुनाव में खुलकर अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों को हराने का काम किया है। कुछ भाजपा समर्थक कांगे्रसियों ने खुलकर तो कुछ ने लुकेछुपे भाजपा का समर्थन किया। वहीं कुछ भाजपा समर्थक कांगे्रसियों ने सोशल मीडिया पर भी कांगे्रस के उम्मीदवारों को नुकसान पहुँचाने का काम किया है और अपनी ही कांग्रेस पार्टी की बुराई की।
चुनाव के बाद भी कांग्रेसियों के भाजपा से संबंध
भाजपा समर्थक कांगे्रसियों ने भाजपा के विजयी विधायकों से अपनी आत्मीयता और चुनाव में उनको जिताने के लिए किए गए प्रयासों का सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करने में कोई संकोच नहीं किया। भाजपा के विधायक का जब कार्यालय उद्घाटित हुआ तो भाजपा समर्थक कांगे्रसियों ने बाकायदा उद्घाटन समारोह में शामिल होकर विधायक को पुष्प मालाएं भी पहनाईं। भाजपा समर्थक कांगे्रसी बड़ी दिलेरी के साथ भाजपा के विधायक के कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। भाजपा समर्थक कांगे्रसी सार्वजनिक मंच से भाजपा के विधायक का यशोगान करने में भी दिलेरी दिखाते हैं।
भाजपा अध्यक्ष का किया घर जाकर स्वागत
नगर भाजपा के अध्यक्ष बनने पर रत्नेश सोनकर का स्वागत करने में भी भाजपा समर्थक कांगे्रसी अगुआ रहे। कुछ कांगे्रेसियों ने तो उनके घर पर जाकर पुष्प मालाएं पहनाईं तथा सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें भी सांझा की। ऐसे भाजपा समर्थक कांगे्रसियों ने रत्नेश सोनकर के अध्यक्ष बनाए जाने पर सार्वजनिक रूप से अपने ही कांगे्रस संगठन को भाजपा से सीखने की नसीहत तक दे डाली।
