आएदिन भाजपा विधायकों के कार्यालयों में हाजिरी लगाते दिख जाते हैं कई चेहरे
जबलपुर (जयलोक) । वर्तमान समय में विपक्ष की भूमिका में चल रही कांग्रेस वैसे ही राजनैतिक विषम परिस्थितियों का सामना कर रही है। इसके साथ-साथ कांग्रेस पार्टी को अपने ही नेताओं से भी धोखा मिल रहा है। वर्तमान समय में नगर निगम जबलपुर में भी कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभा रही है। कांग्रेस पार्षदों की निराशा का आलम और अवसाद का स्तर इतना गंभीर है कि वे अधिकांश सदन की बैठकों में उपस्थित तक नहीं होते। इस मामले में पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस पार्षद और कुछ महिला पार्षद चिन्हित हो चुके हैं जो केवल कांग्रेस की टिकिट पाकर पार्षद तो बन गए हैं लेकिन सदन में कांग्रेस पार्टी की मंशा के अनुरूप पार्टी की परिपाटी को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। पूरे नगर निगम में इस बात की चर्चा सर्वाधिक है कि कांग्रेस के कुछ पार्षदों की दुकानें भाजपा विधायकों के भरोसे चल रही है। पार्षद भले ही कांग्रेस की टिकिट से बने हैं लेकिन अपनी राजनीति चलाने के लिए वे आएदिन भाजपा विधायकों के दरबार में और उनके कार्यालयों में हाजिरी लगाते हुए नजर आ जाते हैं। पूर्व में भी भाजपा विधायक के एक कार्यालय के उद्घाटन पर उनकी विधानसभा क्षेत्र के कुछ कांग्रेसी पार्षद और कांग्रेस के नेता अतिउत्साह दिखाते हुए अपनी हाजिरी लगाने पहुँचे थे, इस बात की भी चर्चा राजनैतिक क्षेत्रों में सरगर्म हुई थी। कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों तक भी भाजपा विधायकों से तालमेल बैठाकर अपनी राजनीति चला रहे हैं कांग्रेस पार्षदों की संगामित्ती की शिकायतें पहुँची थीं।
नगर निगम में विपक्षी कांग्रेसी पार्षद एकजुटता के साथ किसी भी विषय पर एकसाथ मैदान में बहुत कम ही नजर आते हैं। कांग्रेस के पार्षद युवा नेता अमरीश मिश्रा को पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि आज भी अधिकांश पार्षद उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में स्वीकार नहीं करते। यहीं कारण है कि सदन में कांग्रेस पार्षद दल का प्रदर्शन कई बार कमजोर नजर आता है।
विधायक की शह पर सफाई संरक्षकों की हाजिरी का खेल
सूत्रों के अनुसार सत्ता पक्ष के भाजपा पार्षदों के वार्ड में भी सफाई संरक्षकों की रोजाना होने वाली हाजिरी का खेल चल रहा है। किसी भी वार्ड में पूरे सफाई कर्मचारी भौतिक रूप से मौजूद नहीं रहते लेकिन हाजिरी में संख्याबल पूरा दर्शाकर पैसे का बड़ा गोलमाल किया जा रहा है। जो कांगेस पार्षद इस प्रकार से कमाई नहीं कर पा रहे थे उन्होंने भाजपा विधायकों का दामन थामा और उनकी शह प्राप्त कर निगम के अधिकारियों से लेकर सुपरवाइजर तक सेटिंग कर अपने वार्ड में भी हाजिरी का खेल शुरू करवाया और मलाई खाने का पूरा जुगाड़ कर लिया।