जबलपुर (जय लोक )।
भारतीय जनता पार्टी ने संगठन के चुनाव में अब आयु सीमा को समाप्त कर दिया है। इस आयु सीमा के समाप्त होने के बाद से ही अब भाजपा संगठन में जोर आजमाइश की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अब भाजपा के मंडल अध्यक्ष से लेकर नगर और जिला अध्यक्ष तक के पदों के लिए किसी तरह की आयु सीमा बाधक नहीं बनेगी। अब भाजपा में युवाओं से लेकर उम्रदराज लोग भी पदाधिकारियों की दौड़ में शामिल हो सकेंगे।
पिछली बार 2020 में हुए भारतीय जनता पार्टी के संगठन के चुनाव में मंडल अध्यक्षों के लिए 35 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की गई थी। वहीं जिलाध्यक्ष के लिए 50 वर्ष तक की आयु सीमा तय रही है। इस तरह की आयु सीमा के तय हो जाने से पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ गई थी। आयुसीमा तय होने का यह नतीजा हुआ कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं असंतोष भी बढ़ गया था। इस असंतोष के बढऩे की वजह से भाजपा के संगठन के चुनाव में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बहुत कम रूचि ली। चुनाव में कई मंडलों में तो कार्यकर्ताओं को मना-मनाकर लाया गया। संगठन की इस चुनावी नाराजगी के चलते विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भी असर दिखाई दिया था।
अब बेहतर तालमेल की उम्मीद
भारतीय जनता पार्टी के संगठन के चुनाव भाजपा के सदस्यता अभियान के पूरा हो जाने के बाद हो सकेंगे। संगठन चुनाव को ध्यान में रखकर भी भाजपा के नेता सदस्यता अभियान चला रहे हैं। ये नेता अपनी पसंद के लोगों को ज्यादा से ज्यादा सदस्य बना रहे हैं। ताकि उनका लाभ संगठन के चुनाव में मिल सके। भारतीय जनता पार्टी के जिम्मेदार नेतृत्व ने आयुसीमा का बंधन हटाकर अब भाजपा में युवा और पुरानी पीढ़ी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर तालमेल बनाने की रणनीति भी बनाई है। भाजपा संगठन के चुनाव में अब जहां युवा पीढ़ी के साथ ही अनुभवी लोगों को भी चुनाव मैदान में उतरने का मौका मिल सकेगा।
उम्रदराज नेता भी लड़ चुके हैं चुनाव
भारतीय जनता पार्टी ने संगठन चुनाव में आयुसीमा समाप्त करने के पहले विधानसभा चुनाव में भी आयुसीमा को समाप्त कर दिया था। इस चुनाव में 70 वर्ष तक की आयु सीमा के बंधन को समाप्त करने के बाद भाजपा ने 80 वर्ष की उम्र तक के नेताओं को विधानसभा के चुनाव में उतारा था। अब संगठन चुनाव में भी भाजपा नेताओं ने अभी से जोर आजमाइश की तैयारियाँ भी शुरू कर दी हैं।