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भारत एक प्रमुख समुद्री शक्ति बन रहा है: मोदी

तीन नौसेना युद्धपोतों का हुआ जलावतरण

नई दिल्ली (जयलोक)। भारतीय नौसेना के युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को आज बुधवार को नौसेना की गोदी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में बल में शामिल किया गया। नौसेना ने तीनों बड़े युद्धपोतों के शामिल होने को एक ऐतिहासिक अवसर करार दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक प्रमुख समुद्री शक्ति बन रहा है। भारत को विश्व में, विशेषकर ग्लोबल साउथ में एक विश्वसनीय और जिम्मेदार साझेदार के रूप में मान्यता मिल रही है। भारत विस्तारवाद के लिए नहीं, विकास के लिए काम कर रहा है। भारत ने हमेशा एक मुक्त, सुरक्षित, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन किया है। पीएम मोदी ने कहा कि 15 जनवरी के दिन को सेना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले प्रत्येक जांबाज को मैं नमन करता हूं। मां भारती की रक्षा में जुटे हर वीर-वीरांगना को मैं बधाई देता हूं। आज भारत की समुद्री विरासत नेवी के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए भी बहुत बड़ा दिन है। उन्होंने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था। आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नेवी को सशक्त करने की तरफ हम एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। ये पहली बार हो रहा है, जब एक डिस्ट्रॉयर, एक फ्रिगेट और एक सबमरीन को एक साथ कमीशन किया जा रहा है। गर्व की बात कि ये तीनों मेड इन इंडिया हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत पूरे विश्व और खासकर ग्लोबल साउथ में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी के रूप में पहचाना जा रहा है। भारत विस्तारवाद नहीं, भारत विकासवाद की भावना से काम करता है। 21वीं सदी के भारत का सैन्य सामर्थ्य भी अधिक सक्षम और आधुनिक हो, ये देश की प्राथमिकताओं में से एक है। जल हो, थल हो, नभ हो, समुद्र की गहराई हो या फिर असीम अंतरिक्ष हर जगह भारत अपने हितों को सुरक्षित कर रहा है। इसके लिए निरंतर रिफॉर्म किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल अनेक बड़े निर्णयों के साथ शुरू हुआ है। तेज गति से हमने नई नीतियां बनाई हैं, देश की जरूरतों को देखते हुए हमने नए कार्य शुरू किए हैं, देश के हर कोने, हर सेक्टर का विकास हो, इस लक्ष्य के साथ हम चल रहे हैं। भारत वैश्विक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और भू-राजनीतिक परिदृश्य को दिशा देने में प्रमुख भूमिका निभाने जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तटीय समुद्री क्षेत्र, नौवहन की स्वतंत्रता और सुरक्षित व्यापार आपूर्ति लाइनों एवं समुद्री मार्गों की रक्षा करना महत्वपूर्ण है। हमें समुद्र को नशीले पदार्थों, हथियारों और आतंकवाद से बचाने में वैश्विक साझेदार बनना चाहिए और इसे सुरक्षित एवं समृद्ध बनाना चाहिए।

दुनिया के विध्वंसक जहाजों में शुमार आईएनएस सूरत

आईएनएस सूरत 15बी श्रेणी के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम जहाज है। यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक जहाजों में शुमार है। इसमें 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री है, जो अत्याधुनिक हथियार, सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है।

समुद्र में लंबे समय तक रह सकता है आईएनएस नीलगिरी

आईएनएस नीलगिरी 17ए स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने व स्टील्थयुक्त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है। यह स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है।

फ्रांसीसी नौसेना के सहयोग से वाघशीर का निर्माण

आईएनएस वाघशीर पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी है। आईएनएस वाघशीर पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है। इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है।

 

Jai Lok
Author: Jai Lok

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