कुटुम्ब न्यायालय में पति की हुई जीत
जबलपुर (जयलोक) । पति पत्नी के तलाक के दौरान पत्नी की डिमांड सुनकर पति के पसीने छूटने वालों के तो कई मामले सामने आए। लेकिन कुटुम्ब न्यायालय ने एक ऐसा फैसला सुनाया जिसमें पति को तो जीत मिली ही साथ ही पत्नी की डिमांड को भी कोर्ट ने नकार दिया। यहां पत्नी ने तलाक के बदले पाँच लाख रूपये की राशि और कुछ अन्य शर्तें रखीं थी। लेकिन पति द्वारा कोर्ट के समक्ष पेश किए गए सबूतों को देखते हुए कोर्ट ने मात्र 45 हजार रूपये की एक मुश्त राशि पत्नी को देने का आदेश देते हुए तलाक का आदेश सुना दिया। यह मामला उन पतियों के लिए राहत भरा है जो सालों से पत्नी की डिमांड पूरी ना कर पाने के कारण या तो कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं या फिर पत्नी की प्रताडऩा को झेल रहे हैं। इस मामले में पति की तरफ से अधिवक्ता राजा मिश्रा और शिखा साहू ने पैरवी की।
पति ने प्रस्तुत किए प्रमाण- इस मामले में पति ने कोर्ट में पत्नी के खिलाफ जो प्रमाण पेश किए वह सहीं पाए गए। पति ने कोर्ट में यह साबित कर दिया कि उसकी पत्नी का अन्य पुरूषों के साथ संबंध है और वह अकारण ही उसके साथ विवाद करने के साथ ही अलग रह रही है।
2017 में हुई शादी- पति की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि उसकी शादी 2017 में हुई थी। दोनों दो सालों तक साथ रहे। इस दौरान पति पत्नी के बीच विवाद होने लगे। जिसके बाद 2019 से दोनों अलग हो गए, वहीं पिछले पाँच सालों तक तलाक का केस चला।
पत्नी की डिमांड पाँच लाख- कोर्ट के समक्ष पत्नी ने तलाक लेने के लिए पाँच लाख रूपये की डिमांड रखी। पति द्वारा कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए गए सबूत के आधार पर कोर्ट ने पत्नी की डिमांड को अस्वीकार कर दिया और पति को महज 45 हजार की एक मुश्त राशि देने पर तलाश का आदेश दिया।
पत्नी ने मांगे 25 हजार गुजारा भत्ता-पत्नी की तरफ से कुटुम्ब न्यायालय में 25 हजार रूपये मासिक भरण पोषण की राशि के लिए कुटुम्ब न्यायालय में आवेदन दिया था। जिसके बाद यह मामला करीब पाँच सालों तक कुटुम्ब न्यायालय में चला। लेकिन कुटुम्ब न्यायालय ने पति द्वारा प्रस्तुत किए दस्तावे देखकर आदेश जारी किया कि पत्नी भरण पोषण भत्ता का अधिकार नहीं है। अधिवक्ता शिखा साहू ने कोर्ट को बताया कि पत्नी 31 अक्टूबर 2019 को मायके से सुसराल आते समय रास्ते से ही भाग गई थी। कई दिनों तक खोज करने के बाद महिला को बरामद किया गया। महिला के विवाह के पूर्व कई पुरूषों के साथ संबंध रहे।
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