कला, साहित्य और संगीत के नौवें संस्करण के अन्तिम दिन संगोष्ठी, काव्य पाठ और अंतर्राष्ट्रीय श्याम ब्रास बैंड के भव्य प्रदर्शन के साथ हुआ सफलता पूर्वक समापन
जबलपुर (जयलोक)। जलम महोत्सव के नौवें संस्करण के चौथे दिन की शुरुआत पर्यटन,कला और सिनेमा में महिलाएं, उनकी भागीदारी और योगदान की संगोष्ठी परिचर्चा से हुई। परिचर्चा आरंभ करते हुए डॉ भारती ने महिलाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया । उसके उपरांत पुणे से आयी हिना भट्ट ने स्वयं को सामने रख कर अपने स्पष्ट विचार रखे। कथाकार गीता श्री ने महिलाओं कि सामाजिक स्थिति पर चर्चा की वहीं युवा प्रशांति तिवारी ने फिल्मों के बहाने युवाओं में जोश व उत्साह भरा। सुरेश तोमर ने कई आंकड़ो को तथ्य परक बताकर महिलाओ के प्रति संवेदनशील रहने कि बात कही।कविता पाठ, सम्मान समारोह और अंतर्राष्ट्रीय श्याम ब्रास बैंड की प्रस्तुति के साथ हुआ। मिडिया प्रभारी भुपेंद्र अस्थाना ने बताया कि जलम महोत्सव के चौथे दिन सर्वप्रथम एक संगोष्ठी के साथ शुरू किया गया। विषय पर्यटन,कला और सिनेमा में महिलाएं पर चर्चा करने के लिए अतिथि वक्ता के रूप में जबलपुर से डॉ भारती,पुणे महाराष्ट्र से हिना भट्ट, नई दिल्ली से गीता श्री, भोपाल से सुरेश तोमर, जबलपुर से ही प्रशांति तिवारी उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने उक्त विषय पर अपने अपने विचार और आंकड़े रखते हुए अपनी बात कही। इसी कड़ी में कविता पाठ का भी कार्यक्रम हुआ। जिसमे प्रतिभाग करने वाले कवि नई दिल्ली से विनोद भारद्वाज, कोलकाता से यतीश कुमार, जबलपुर से बाबुषा कोहली,आजमगढ़ से रूपम मिश्रा, दिल्ली से अणुशक्ति सिंह,अनुपम सिंह और जबलपुर से आकांक्षा सिंह रहे। इसी दौरान एक लघुफिल्म जोया (5 मिनट) का भी प्रदर्शन किया गया। श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए इंदौर से कुनाल शर्मा को श्री हरिभटनागर इत्यादि युवा कला छात्र सम्मान एवं श्रीमती बालम्मा इत्यादि युवा कला छात्र सम्मान हैदराबाद के डिण्डी प्रवीण को दिया गया। अंत में अंतर्राष्ट्रीय श्याम ब्रास बैंड की प्रस्तुति से जलम महोत्सव के नौवें संस्करण का सफ़लता पूर्वक समापन हुआ। इस चार दिवसीय कला,साहित्य और संगीत समागम में आए सभी कलाकारों, छात्रों, अतिथियों का विनय व सुप्रिया अंबर ने धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया और फिर एक नए उत्साह, ऊर्जा के साथ मिलने की बात कही।
पत्थरों पर कलाकारों ने उकेरी आकृतियां –
जलम महोत्सव में राष्ट्रिय मूर्तिकला शिविर में पांच युवा मूर्तिकारों ने भाग लिया । इस शिविर में डॉ छगेन्द्र उसेंडी (खैरागढ़), दिनु घाटा (गोंदिया), योगेश के प्रजापति(मथुरा), ज्योति शर्मा (आगरा), सुषमा सरोज (जबलपुर) रहे। ए. रामचंद्रन का पोर्ट्रेट बना जलम का प्रतीक चिन्ह – युवा मूर्तिकार योगेश कुमार ने बड़े ही मेहनत और इस महोत्सव के रहे केंद्र ए. रामचंद्रन के पोर्ट्रेट को बड़े ही गहराई से समझते हुए बनाया था। सभी ने इस प्रतीक चिन्ह की प्रशंसा की।