माँ महाकाली कछपुरा का खंडित होने का वीडियो सामने आया,धर्म के विपरीत किया गया कार्य, खुल गई झूठ की पोल
जबलपुर जय लोक अपडेट । संस्कारधानी में धार्मिक आस्थाओं से खिलवाड़ करने का एक मामला सामने आया है। दैनिक जय लोक ने प्रमुखता से इस मामले को कल प्रकाशित किया था। कछपुरा में महाकाली प्रतिमा स्थापित करने वाली आयोजन समिति के चंदाखोर और चढ़ावाखोर लोगों को छोड़कर सभी ने इस बात की सराहना की कि धार्मिक मान्यताओं के विपरीत खंडित हो चुकी माता महाकाली की प्रतिमा का प्रदर्शन करना बेहद ही निंदनीय कार्य है । लेकिन कुछ लोगों ने केवल आर्थिक लाभ कमाने के लिए यह कार्य किया । केवल व्यावसायिक रूप से लाभ अर्जित करने के लिए और अपनी व्यक्तिगत लोकप्रियता बटोरने के चक्कर में कुछ लोगों ने माता महाकाली की प्रतिमा के साथ बेहद ही आपत्तिजनक और गैर धार्मिक परंपराओं का अमर्यादित आचरण किया है। वीडियो में साफ-साफ नजर आ रहा है कि माता महाकाली की प्रतिमा अत्यधिक मालाओं के वजन के कारण से ही टूट के नीचे गिर गईं । जब यह हादसा हुआ उस समय प्रतिमा के समक्ष 3 महिलाएं भी मौजूद थीं जो तत्काल अपनी जान बचाकर वहां से भागीं।
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि इस खंडित प्रतिमा को केवल आर्थिक लाभ को पाने के लिए आयोजकों ने केवल एंगल लगाकर और सुधार कार्य करवा कर फिर से दर्शन के लिए चालू करवा दिया। माता महाकाली की पूजा अर्चना वैसे ही बहुत ही कठिन नियमों और धार्मिक विधि विधान से होती है यह हर किसी के लिए संभव ही नहीं होती। इसके बावजूद भी सिर्फ आर्थिक लाभ अर्जित करने और व्यक्तिगत नेतागिरी चमकाने के चक्कर में यह कृत्य किया जा रहा है।
क्या निकलेगा खंडित प्रतिमा का विसर्जन जुलूस ?
कल इस खंडित प्रतिमा का विसर्जन जुलूस निकाला जाएगा। प्रचार प्रसार ऐसे किया गया है ताकि हजारों की संख्या में लोग यहां उपस्थित हों और माता महाकाली के समक्ष आस्था के साथ अपना समर्पण व्यक्त कर दान दक्षिणा का चढ़ावा चढ़ाएं और सिर्फ इसी के लिए पूरा ढोंग किया गया है। वरना शास्त्र की जानकार यही कहते हैं की प्रतिमा के खंडित होने के बाद तत्काल बिना समय जायाकर उसका विसर्जन कर देना चाहिए । यह शास्त्र सम्मत भी नहीं है और ना ही धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप है कि खंडित प्रतिमा को इस प्रकार से सिर्फ चंदा चढ़ावा बटोरने के लिए फिर से दर्शन के लिए और पूजन के लिए पंडाल चालू कर दिया जाए।
अब बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि सनातन परंपराओं के विपरीत किये जा रहे इस कार्य को रोकने के लिए नगर पंडित सभा की खामोशी क्यों है ? हर बात पर सनातन का झंडा ऊंचा करने की बात करने वाले विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सनातनी नेता चुप्पी साध कर क्यों बैठे हैं ?
खतरनाक प्रतिमा को जुलूस में ले जाने की क्या अनुमति देगा प्रशासन
यह बात भी बार-बार उठ रही है कि माता महाकाली प्रतिमा विशाल कद की है और इसके बीच से टूट जाने के बाद यह काफी खतरनाक हो चुकी है। एंगल और अन्य माध्यमों से उसका जुड़ाव किया गया है और अब इसे जुलूस में ले जाने की तैयारी है। यह कृत्य धार्मिक मान्यताओं के विपरीत होने के साथ-साथ कई लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। किसी भी प्रकार की बड़ी दुर्घटना हो सकती है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि वह माता महाकाली की इस खंडित प्रतिमा का तमाशा होने से रोके और उन्हें ससम्मान धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप विसर्जन करने का कार्य किया जाए।
इनका कहना है
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद सुरक्षा की दृष्टि से जुड़े बिन्दुओं पर जाँच करवाई जायेगी।
दीपक सक्सेना
कलेक्टर
