जबलपुर (जयलोक)
अधारताल औद्योगिक क्षेत्र में स्थित सूर्या बायोटेक प्रोडक्ट्स एवं एलाइट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेस में गुरुवार को हुए विस्फोट में एक नया खुलासा हुआ है। हादसे में मारे गए मजदूर के शव को कबाडख़ाना संचालक दोनों भाई ठिकाने लगाने की कोशिश कर रहे थे। दोनों भाई कार से काफी देर तक शव को लेकर घूमते रहे। पुलिस को पूछताछ में यह चौकाने वाली जानकारी मिली है।
सूर्या बायोटेक प्रोडक्ट्स एवं एलाइट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेस में हुए विस्फोट में राजा चौधरी नामक एक मजदूर की मौत हो गई थी। संचालक कपिल जैन और सलिल जैन जब कबाडख़ाने पहुँचे तो उन्होंने शव को देख उसे ठिकाने लगाने की योजना बनाई। शव को कार में रखा और अस्पताल या पुलिस के पास न ले जाकर, एक घंटे तक शव को ठिकाने लगाने के लिए जगह की खोज में थे। इसके अलावा उन पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने साक्ष्य को मिटाने के लिए सीसीटीवी फुटेज के कुछ वीडियो भी डिलीट किए हैं। वहीं पुलिस अब इस बात की पुष्टि के लिए संभावित मार्गों के सीसीटीवी फुटेज की जाँच कर रही है जिन रास्तों से दोनों भाई कार में शव लेकर गुजरे हैं। इसके अलावा डिलीट किए गए फुटेज को वापस प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस मामले में साक्ष्य छिपाने की धारा भी जोडऩे की तैयारी कर रही है।
शुक्रवार को किए गए न्यायालय में पेश
दोनों भाई कपिल और सलिल जैन को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें आज शनिवार तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। रिमांड मिलते ही पुलिस उन्हें घटनास्थल लेकर गई और विस्फोट के बाद से साक्ष्य मिटाने के प्रयासों का पुनर्निर्माण किया। पुलिस को जाँच के दौरान गोदाम में सुरक्षा संबंधित उपाय नहीं मिले हैं। पुलिस की छानबीन में पता चला कि जैन बंधुओं ने रायपुर की आर्यन इंडस्ट्री से कबाड़ क्रय किया था। यह कबाड़ बुधवार को उनके गोदाम में पहुंचा था और इसमें रिजेक्ट एम्युनेशन बाक्स थे, जिन्हें गलाने के दौरान विस्फोट हुआ।