नई दिल्ली। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को ग्लोबल रोड इंफ्राटेक समिट एंड एक्सपो (जीआरआईएस) में सडक़ सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2030 तक सडक़ दुर्घटनाओं की दर में 50 प्रतिशत की कमी लाना है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि भारत में 4,80,000 सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1,80,000 मौतें होती हैं और करीब 4,00,000 लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं। इनमें 18-45 आयु वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, खासकर दोपहिया वाहन सवार और पैदल यात्री। यहां पर गडकरी ने सडक़ निर्माण कंपनियों को नई तकनीक अपनाने और सस्टेनेबल एवं रिसाइकल किए जाने वाली निर्माण सामग्री का उपयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं की बड़ी वजह खराब इंजीनियरिंग, अनुचित संकेतक और गलत सडक़ डिजाइन है। उन्होंने स्पेन, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों से सीखकर भारत की सडक़ सुरक्षा सुधारने पर जोर दिया।
जीडीपी पर असर और समाधान की अपील
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि सडक़ दुर्घटनाओं से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 3प्रतिशत का नुकसान होता है। उन्होंने इंजीनियरों और निर्माण कंपनियों से आह्वान किया कि वे बेहतर सडक़ डिजाइन और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करें ताकि दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
सरकार और इंडस्ट्री का सहयोग जरूरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सडक़ सुरक्षा को बढ़ाने के लिए शिक्षा, जागरूकता और सुरक्षित ड्राइविंग आदतों को अपनाना बेहद जरूरी है। सरकार और निजी कंपनियों को मिलकर सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर ध्यान देना होगा। ग्लोबल रोड इंफ्राटेक समिट एंड एक्सपो का आयोजन इनोवेशन को बढ़ावा देने, अत्याधुनिक समाधान पेश करने और सरकारी एवं निजी संगठनों के बीच ज्ञान और नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करने के लिए किया गया। सरकार के इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सडक़ निर्माण कंपनियों, इंजीनियरों और आम जनता की भागीदारी बेहद जरूरी होगी।
