भोपाल (जयलोक)। वाकई मप्र अजग गजब है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि कई बार इसकी गवाही खुद प्रदेश सरकार के आंकड़े दे देते हैं। ऐसा एक मामला है मिड डे मील का। प्रदेश में जब गर्मियों में स्कूलों की छुट्टी रहती है, तब तो कई जिलों के स्कूलों में बाकायदा मिड डे मील वितरित करना सरकारी आंकड़ों में बताया जाता रहा है।
अब स्कूल खुल चुके हैं, तो ऐसे सैकड़ों स्कूल हैं, जहां पर मीड डे मील को वितरण ही नहीं किया जा रहा है। इससे अधिक सरकारी स्टिम की लापरवाही का और कोई बड़ा उदाहरण हो नही सकता है। फिलहाल ऐसे स्कूलों की अब तक संख्या 452 सामने आयी है। यह भी खुलासा खुद जुलाई माह के शुरुआती सप्ताह की एक रिपोर्ट से हुआ है। शासकीय पोर्टल पर अपडेट डेटा के अनुसार मध्याह्न भोजन व्यवस्था में व्यापक गड़बड़ी की जा रही है। जिससे कई स्कूलों में बच्चों को योजना का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है। गौरतलब है कि मिड-डे मील के भोजन में सोमवार से लेकर शनिवार तक का मेन्यू तय किया गया है। इसके इतर अधिकांश ग्रामीण इलाकों में मीनू के हिसाब से मिड डेमील नहीं मिलता है। इस तरह की शिकायतें आना आम बता हो चुकी हैं।
छुट्टी में भी बांट दिया
प्रदेश में मिड-डे मील के नाम पर भ्रष्टाचार का आलम ये है कि गर्मी की छुट्टियों में भी मिड-डे मील बांटा जा रहा था। इसका डेटा भी बाकायदा पोर्टल में अपडेट किया जा रहा था। 23 जिलों में होने वाले मिड-डे मील की इस गड़बड़ी को केंद्र सरकार ने पकड़ा। ऐसे जिलों मेंं सतना, बड़वानी, भिण्ड, रायसेन, जबलपुर, गुना, दमोह, आगर मालवा, मंडला, झाबुआ, बालाघाट, मंदसौर, भोपाल, बैतूल, नरसिंहपुर, डिंडौरी, सागर, रतलाम, शहडोल, सिवनी, शिवपुरी, टीकमगढ़ और श्योपुर जिले शामिल हैं। इस पर रोक और संबधितों पर कार्रवाई के लिए केन्द्र सरकार को पत्र तक लिखना पड़ा। इस गड़बड़ी को भी केन्द्र सरकार ने पकड़ा था। इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश की सरकार को पत्र लिखकर इस मामले में एक्शन लेने के लिए निर्देश भी दिए थे, लेकिन क्या हुआ किसी को पता नही है। पत्र में लिखा गया हैथा कि जब स्कूलों में बच्चों का छुट्टी के कारण आना जाना बंद है, फिर भी शाला प्रभारियों द्वारा मिड डे मील भोजन के वितरण की रिपोर्टिंग पोर्टल पर की जा रही है, जोकि गलत है। गलत रिपोर्टिंग करने वाले शाला प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
किस जिले में कितने स्कूलों में नहीं मिला रहा मिड डे मील
हाल ही में जो रिपोर्ट सामने आयी है, उसके मुताबिक शिवपुरी में 96, सतना में 66, श्योपुर में 28, डिंडोरी में 23, धार में 19, निवाड़ी में 19, राजगढ़ में 18, टीकमगढ़ में 18, सिवनी में 16 और बड़वानी में 16 स्कूलों में मिड डे मिल बच्चों को नहीं मिल पा रहा है।