जबलपुर (जयलोक)। सिविल लाइन थाने में पदस्थ एक उप निरीक्षक को लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। लोकायुक्त की यह कार्रवाही सिविल लाइन थाने में ही की गई। बताया जाता है कि आरोपी उप निरीक्षक एफआईआर से नाम अलग करवाने के लिए दस हजार की रिश्वत माँग रहा था।
शिकायतकर्ता द्वारा जब तक पैसे की रकम नहीं दी गई तब तक उसे परेशान किया जाता रहा। जिसके बाद रिश्वत की राशि दस हजार रूपये तय हुई। वहीं शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत लोकायुक्त अधिकारियों से की। लोकायुक्त टीम ने योजना बनाकर आज उपनिरीक्षक को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। शिकायतकर्ता का नाम जहांगीर खान निवासी टेडी नीम है वहीं सिविल लाइन थाने के रिश्वतखोर उपनिरीक्षक का नाम विनोद दुबे बताया जा रहा है। जहांगीर खान ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को शिकायत की मेरे द्वारा पुरानी गाडिय़ों की खरीदी व विक्रय का काम करता हँू। इसी सिलसिले में एक गाड़ी खरीदने के कारण थाना सिविल लाइन में मेरे विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
अपराध में से नाम हटाने बाबत उप निरीक्षक विनोद दुबे ने 10000 की रिश्वत मांगी। जो मैं देना नहीं चाहता था इसीलिए रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत पर आज कार्यवाही करते हुए उप निरीक्षक विनोद दुबे थाना सिविल लाइन को रिश्वत की प्रथम किस्त 5000 लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा तथा आरोपी के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही गई। इस दौरान उप पुलिस अधीक्षक सुरेखा परमार, इंस्पेक्टर रेखा प्रजापति, इंस्पेक्टर भूपेंद्र कुमार दिवान एवं लोकायुक्त का दल उपस्थित रहा।
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