जबलपुर (जयलोक)। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने कहा है कि प्रदेश में स्मार्ट मीटरीकरण हेतु विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2024-25 के लिए 2483.90 करोड़ अनुमोदन किया है। अब खर्च हुए इस राशि को बिजली कंपनिया वार्षिक राजस्व आवश्यकता में जोडक़र उसके आधार पर वषज़् 2025-2026 के लिए बिजली के रेट में वृद्धि मांगने हेतु आयोग के समक्ष याचिका प्रस्तुत करने वाली है। मंच के प्रातांध्यक्ष डॉ पीजी नाजपांडे ने कहा कि विद्युत कंपनियों ने सफेद झूठ बोला कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। एक तरफ से बिजली कंपनियों ने झूठ बोलकर गुमराह करने की कोशिश की। यह बताते हुए डॉ. पीजी नाजपांडे ने जानकारी दी कि आरडीएसएस के तहत स्मार्ट मीटरों के लिए केंद्र सरकार कुल खर्च की 15 प्रतिशत राशि प्रदान करती है। अत: कुल 2856 करोड़ के खर्च में 372 करोड़ केंद्र सरकार से मिलेंगे।