जबलपुर (जयलोक)। शहर के दमोहनाका क्षेत्र में स्थित बड़ेरिया मेट्रो हार्ट सेंटर में बालाघाट निवासी 2 वर्ष की बच्ची जिसके दिल में जन्मजात छेद था जिसकी वजह से उसे सर्दी, खासी, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की कमी होती थी, यह छेद दिल के निचले हिस्से में था, जिसे अपिकल मस्क्युलर वेंट्रिकल सेप्टल डिफेक्ट कहा जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार जहां ये छेद था वहां दूरबीन द्वारा पैर के रास्ते से और टोटल ओपन हार्ट सर्जरी दोनों के द्वारा पहुंचना संभव नहीं था, अत: मेट्रो हार्ट की विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम द्वारा निर्णय लिया गया कि इस बच्चे में हाइब्रिड सर्जरी के द्वारा दिल के छेद को बंद किया जाएगा। अभी तक इस तरीके की हाइब्रिड सर्जरी देश के महानगरों के कुछ ही शहरों में हो पाती थी, परंतु अब ये तकनीक मध्य भारत के मेट्रो हार्ट सेंटर में भी उपलब्ध हो चुकी है।
क्या है हाइब्रिड सर्जरी
हाइब्रिड सर्जरी मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल के मेट्रो हार्ट सेंटर में की गई जहां कैथलैब एवं कार्डियक यूनिट दोनों ही उपलब्ध हैं चूंकि छिद्र 18 एमएम का एवं दिल के निचले हिस्से में था, तो वहां तक पैर के रास्ते से जाना संभव नहीं था तभी कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुदीप चौधरी द्वारा बच्ची की छाती को खोल करके छेद बंद करने का रास्ता बनाया एवं उसके पश्चात बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के एल उमामहेश्वर द्वारा छेद में एक छतरी नुमा डिवाइस लगाकर छेद को बंद किया गया, हाइब्रिड सर्जरी के द्वारा बच्ची के दिल की बायपास सर्जरी की कठिनाई से बचाया गया, ऑपरेशन में निश्चेतना विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील जैन की भी प्रमुख भूमिका रही।
मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना का मिला लाभ
बच्चे को नया जीवनदान देने में डॉक्टरों के साथ-साथ मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना और बालाघाट सीएमओ डॉक्टर मनोज पांडे, जिला प्रबंधक एनएचएम विक्रम ठाकुर, आरबीएसके प्रबंधक राजाराम चक्रवर्ती का मुख्य योगदान रहा क्योंकि यह ऑपरेशन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य केंद्र योजना के अंतर्गत नि:शुल्क किया गया।
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