Download Our App

Follow us

Home » व्यापार » 2004 जैसी स्थिति 2024 में बनने की आशंका से डर रहे विदेशी निवेशक

2004 जैसी स्थिति 2024 में बनने की आशंका से डर रहे विदेशी निवेशक

20 साल पहले सत्ता में बदलाव के कारण शेयर बाजार में एक ही दिन में हुई थी 15 प्रतिशत की गिरावट

नई दिल्ली(एजेंसी/जयलोक)। भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक माह में काफी उतार चढ़ाव देखा जा रहा है। इसकी वजह लोकसभा चुनाव बताया जा रहा है। दरअसल, देश में 19 अप्रैल 2024 को आम चुनाव की शुरुआत होने के बाद से विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) अब तक 37,700 करोड़ रूपये की बिकवाली कर चुके हैं। पिछले 21 कारोबारी सत्रों के दौरान विदेशी निवेशकों ने हर दिन औसतन 1800 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। भारतीय शेयर बाजार दुनिया के सभी बाजारों से ज्यादा मुनाफा देने वाला बाजार बना था। अब आशंका बनी हुई हैं कि शेयर बाजार का गुब्बारा कभी भी फूट सकता है। एक बार फिर हर्षद मेहता और केतन देसाई जैसी स्थितियाँ  बन सकती है। चुनाव तक शेयर बाजार को बचाए रखने के लिए स्थानीय वित्तीय संस्थाएं बड़े पैमाने पर निवेश कर बाजार को गिरने से रोक रहे हैं। वहीं विदेशी निवेशक इसका फायदा उठाकर बाहर निकल रहे हैं।दलाल स्ट्रीट में लोकसभा चुनाव परिणामों पर अनिश्चितता के कारण उतार-चढ़ाव को मापने वाला इंडेक्स इंडिया वीआईएक्स 67 प्रतिशत की उछाल के साथ 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में मंगलवार को भी बिकवाली करते दिखे और शुद्ध रूप से 1,874.54 करोड़ रुपये की कीमत के शेयर बेचे। हालांकि, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और बाजार में उतार-चढ़ाव बढऩे के बावजूद घरेलू निवेशकों (डीआईआई) की दिलचस्पी बाजार में लगातार बनी हुई है। वे ना केवल अपनी पूर्व की खरीदारी को बनाए रखे हुए हैं, बल्कि लगातार नई खरीदारी भी कर रहे हैं। पिछले 21 कारोबारी सत्रों के दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 60,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। अप्रैल महीने के अंत तक म्यूचुअल फंड्स के पास करीब 1.36 लाख करोड़ रुपये की बड़ी नकदी मौजूद थी, जिस कारण वे विदेशी निवेशकों की ओर से की जा रही बिकवाली के कारण पैदा हुए दबाव को काफी हद तक कम करने में सफल रहे हैं।
उतार-चढ़ाव के बावजूद बाजार में भरोसा कायम
मोजोपीएमएस के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर सुनील दमानिया के अनुसार भारतीय इक्विटी बाजार लगातार महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर रहा है। 5 ट्रिलियन डॉलर के करीब बाजार पूंजीकरण तक पहुंचने से भारत संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन जैसे देशों के एक विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है। इस उपलब्धि का श्रेय खुदरा निवेशकों को दिया जा सकता है, जिन्होंने हाल के वर्षों में बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद दृढ़ता से खरीदारी की है। साथ ही, सरकार के त्वरित सुधारों और भारतीय निगमों की सकारात्मक प्रतिक्रिया ने निरंतर निवेशकों की आय वृद्धि में योगदान दिया है। जिससे निवेशकों की रुचि भी बढ़ी है और बाजार के प्रति उनका आकर्षण भी बढ़ा है। मौजूदा रैली आय वृद्धि और तरलता के संयोजन से प्रेरित है, जो अगले पांच वर्षों के भीतर भारत के बाजार पूंजीकरण को 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा सकती है। हालांकि, 5 ट्रिलियन डॉलर से 10 ट्रिलियन डॉलर के बीच की यात्रा में चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है और यह बहुत आसान यात्रा नहीं होगी।

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Home » व्यापार » 2004 जैसी स्थिति 2024 में बनने की आशंका से डर रहे विदेशी निवेशक
best news portal development company in india

Top Headlines

Live Cricket