महापौर और विधायक के प्रयास से दोबारा पैदल घूमने वालों के लिए खुला स्टेडियम का गेट
स्मार्ट सिटी की योजना में केवल खिलाडिय़ों के लिए था प्रावधान
जबलपुर (जय लोक)
स्टेडियम को लेकर कांग्रेस ने एक मुद्दा उठाया है कि जबलपुर के पंडित रवि शंकर शुक्ल स्टेडियम में करोड़ों की रुपए की लागत से निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद यहाँ पैदल घूमने आने वाले लोगों से 1100 रुपये महीने के वसूल किए जाएंगे। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने इस बात को सिरे से नकारते हुए कहा है कि स्टेडियम में पैदल घूमने वालों से मात्र 300 रुपये महीना ही लिया जाएगा। सिर्फ लोगों को बरगलाने के लिए कुछ लोग गलत अफवाहें फैला रहे हैं। स्टेडियम परिसर में पैदल घूमने वालों के संबंध में क्या प्रावधान है इस बात की जानकारी एकत्रित करने पर यह पता चला कि स्मार्ट सिटी ने जब स्टेडियम को नया नवेला बनाते हुए संवारने का प्रोजेक्ट बनाया तो उनकी कार्य योजना में स्टेडियम के अंदर पैदल घूमने वालों के लिए जगह ही नहीं थी ना ही इस बात का प्रावधान रखा गया था।
स्टेडियम परिवार में शामिल बड़ी संख्या में पैदल घूमने आने वाले लोगों ने इस बात की मांग महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के सामने उठाई थी। महापौर अन्नू ने इस मांग को लेकर मध्यस्थता करते हुए स्मार्ट सिटी के अधिकारियों और पैदल घूमने आने वाले लोगों से चर्चा कर इसके प्रयास शुरू किए थे कि पैदल घूमने वालों के लिए भी स्टेडियम में समय तय हो। इसके लिए खिलाडय़िों से और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी से भी चर्चा की गई थी। विधायक अभिलाष पांडे ने भी इन प्रयासों में अपना सहयोग प्रदान किया था और उसके बाद यह तय हुआ कि स्मार्ट सिटी के स्टेडियम निर्माण के प्रोजेक्ट में जो भी ठेका होगा उसमें पैदल घूमने वालों के लिए समय निश्चित होगा। जिसके अनुसार खिलाडय़िों के लिए सुबह 5:00 से 7:00 तक और शाम को 4:00 बजे से 6:00 बजे तक समय तय किया गया। वहीं पैदल घूमने वालों के लिए सुबह 7:00 से 10:00 तक 6:00 से 9:00 तक का समय तय किया गया। लिए जाने वाला शुल्क भी अलग-अलग है। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का कहना है कि स्टेडियम का निर्माण करोड़ों रुपए की लागत से हुआ है और इसके रखरखाव को नियमित रखने के लिए यहां आने वाले लोगों से न्यूनतम राशि लेकर इसके मेंटेनेंस का कार्य किया जाना है। इसलिए इसे ठेके पर दिया गया है।
इनका कहना है
हमारे महापौर और विधायक के कारण स्टेडियम में पैदल चलने वालों को इसकी अनुमति मिली है। पहले इसे सिर्फ खिलाडय़िों के लिए खोला जा रहा था। इन दोनों के प्रयासों से अब वाजिब दामों पर पैदल घूमने वालों को इसकी अनुमति मिल पाई है। जो लोग इस विषय को लेकर राजनीति कर रहे हैं वह बंद कर दें अन्यथा स्टेडियम परिवार के हजारों लोग पैदल घूमने वाले और खिलाड़ी उनके खिलाफ सडक़ों पर उतरेंगे।
संतोष विश्वकर्मा
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दशकों से स्टेडियम में हम और अन्य पैदल घूमने वाले आ रहे हैं। महापौर श्री अनु के प्रयासों से इसको खूबसूरत स्वरूप मिला है। सभी पैदल चलने वालों की बैठक हुई थी और उनसे चर्चा उपरांत यह आपकी सहमति बनी थी कि न्यूनतम शुल्क में पैदल चलने वालों को भी स्टेडियम में सुबह शाम का समय निश्चित होगा इसमें किसी को आपत्ति नहीं है।
शरद पालन
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करोड़ों की लागत से बने इस विश्व स्तरीय स्टेडियम में अगर मेंटेनेंस नहीं होगा तो यह बहुत जल्दी बर्बाद हो जाएगा। ?300 मंत्र की राशि बिल्कुल वाजिब है और इससे षड्यंत्रकारी राजनीति करने के लिए मुद्दा बना रहे हैं। शहर को अच्छी सौगात मिलेंगे तो उनके मेंटेनेंस करना भी जरूरी है।
एडवोकेट प्रदीप शर्मा
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शहर को एक अच्छी सुविधा मिली है खिलाड़िय़ों के साथ पैदल घूमने वालों को ट्रैक का लाभ मिल रहा है। महापौर भी कई सालों से स्टेडियम परिवार के साथ यहां घूमने आते रहे हैं आज उनकी सोच के कारण यह खूबसूरत स्वरूप ले पाया है। इसे राजनीति का मुद्दा बनाया जा रहा है ताकि सुबह-शाम पैदल घूमने वालों को स्टेडियम में प्रवेश मिलना ही बंद हो जाए। 300 की राशि सब की सहमति से तय हुई है और इसमें किसी का विरोध नहीं है। – मोहित तिवारी