रादुविवि में जाँच टीम खंगाल रही दस्तावेज
जबलपुर (जयलोक)। रानी दुर्गावती विश्चविद्यालय में गुरुवार के दिन गहमा गहमी रही, यहां पूर्व कुलपति प्रो कपिल देव के कार्यकाल में हुये फैसलों की जांच करने 6 सदस्यी टीम पहुंची थी। टीम में अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा आरपी सिंह की अध्यक्षता में रीवा और शहडोल संभाग के अधिकारी शामिल हैं। उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश में शुरु हुई इस जांच में टीम को पूर्व कुलपति के 8 साल के लम्बे कार्यकाल में हुये निर्णयों और टेंडर्स की जांच कर रिपोर्ट उच्च शिक्षा विभाग को देना है, जिसके बाद आगे की कार्यवाही शुरु होगी।जांच टीम बुधवार को विश्वविद्यालय में हाजरी लगाने के बाद लौट गई थी, जिसने गुरुवार से विस्तृत जांच शुरु की। वहीं आज शुक्रवार को भी जाँच टीम रादुविवि पहुँच सकती है। जांच टीम का मुख्य फोकस विश्वविद्यालय के लेखा विभाग पर है, और विशेष रूप से वित्तीय अनियमितताओं पर ध्यान दिया जा रहा है। खासतौर पर बैंकिंग और भुगतानों में अनियमितताओं की जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ कर्मचारियों ने जांच टीम को दस्तावेज सौंपे हैं, जिनकी सत्यता की जांच चल रही है।
कई अधिकारियों के अधिकारों की जांच
जांच टीम 2018 से जनवरी 2024 तक के निर्णयों से जुड़ी फाइलों की जांच कर रही है। इस दौरान विश्वविद्यालय में चार से पांच प्रभारी कुलसचिव और तीन फाइनेंस कंट्रोलर रहे हैं। हालांकि, वर्तमान कुलगुरु प्रो. राजेश वर्मा के कार्यकाल को जांच से बाहर रखा गया है, लेकिन यदि पिछले पांच वषोज़्ं में कोई वित्तीय अनियमितता पाई जाती है, तो इससे जुड़े अधिकारी और कर्मचारी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
सीमा से बाहर जाकर भुगतान का आरोप
जांच के दौरान, कुलगुरु के वित्तीय अधिकारों पर भी सवाल उठ रहे हैं। सामान्यत: कुलगुरु को 10 लाख तक के बिलों के भुगतान का अधिकार होता है, लेकिन आरोप है कि प्रो. कपिल देव मिश्र के कार्यकाल में कुछ भुगतान इस सीमा के बाहर किए गए हैं, जो कि कुलगुरु के अनुमोदन पर किए गए थे। जबकि 10 लाख रुपये से अधिक के भुगतानों के लिए कार्य परिषद का निर्णय अनिवार्य होता है। अब जांच टीम यह देख रही है कि पिछले पांच सालों में ऐसे भुगतान हुए थे या नहीं।