चाहे जहाँ पलट जाते हैं लोगों की जान से हो रहा खिलवाड़
जबलपुर (जयलोक)। शहर में ई-रिक्शों का आतंक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। रोजाना चार पाँच स्थानों पर ई-रिक्शों के कारण दुर्घटना होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। इसकी एक मुख्य वजह यह भी है कि सवारी और सुविधा के नाम पर सडक़ों पर उतरे ई-रिक्शा अब लोडिंग वाहनों में तब्दील हो गए हैं और चाहे जहां लोगों के लिए जान का खतरा उत्पन्न कर रहे हो। अभी हाल ही में रानीताल और बलदेवबाग चौक पर लोडिंग का कार्य कर रहे ई-रिक्शा दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गए थे। गनीमत यह रही कि इस दुर्घटना में घायल को मामूली चोट और बड़ी जनहानि टल गई। लेकिन यह दोनों घटना और इसकी जैसे अन्य कई घटनाएं जो हाल फिलहाल में घटित हुई हंै वह यह स्पष्ट संकेत दे रही हैं कि कुछ पैसे की लालच और बेरोजगारी की आड़ में ई-रिक्शा से वह काम लिया जा रहा है जिसके लिए वह बना ही नहीं है। अब ऐसी स्थिति में प्रशासनिक स्तर पर कैसे ई-रिक्शा को लोडिंग वाहन बनाने में छूट दी जा रही है जो लोगों की जान से सडक़ों पर खुले आम खिलवाड़ करते हुए घूम रहे हैं।
जहाँ मर्जी वहाँ रोक देते हैं ई-रिक्शा
ऑटो के बाद ई-रिक्शा चालकों की मनमानी सडक़ों पर चलने वाले लोगों के लिए आफत बनती जा रही है। चाहे लोडिंग ई-रिक्शा हो या फिर सवारी ई-रिक्शा दोनों ही सडक़ों पर इस तरह से दौड़ रहे हैं जिससे वाहन चालकों को परेशानी होती है। चलते-चलते अचानक ही चालक ई-रिक्शा रोक देता है या फिर सडक़ किनारे से दौड़ रहा ई-रिक्शा अचानक ही सडक़ पर आ जाता है। जिससे दोनों ओर से आने जाने वाले वाहन हादसे का शिकार हो रहे हैं।
नहीं होती कार्रवाही
सवारी के लिए बनाए गए ई-रिक्शा का माल वाहक बनाकर लोडिंग अनलोडिंग किए जाने का यह कारनामा पूरे शहर भर में चल रहा है। चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मियों की नजर भी इन लोडिंग ई-रिक्शा पर पड़ती है लेकिन इन पर कार्रवाही की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है। जिससे चालकों को ई-रिक्शा को खुलेआम मालवाहक बनाकर सडक़ों पर दौड़ाने की छूट मिल गई है। वहीं सडक़ों पर दौडऩे वाले अन्य वाहनों को इनसे खतरा बना हुआ है।
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