फिलहाल पुलिस का पहला लक्ष्य हत्यारों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य एकत्रित करना और फास्ट ट्रैक कोर्ट में प्रकरण ले जाना
जबलपुर (जय लोक)। 27 जनवरी को जिले के पाटन तहसील के अंतर्गत टिमरी गाँव में घटित हुआ हत्याकांड जिसमें चार लोगों की जान चली गई थी इस मामले में अब एक भाजपा विधायक के खास माने जाने वाले एक युवा मोर्चा के नेता का नाम सामने आया है। हालांकि पुलिस अभी उसकी भूमिका की जाँच कर रही है लेकिन प्रारंभिक तौर पर हत्यारों के मोबाइल से भाजपा युवा मोर्चा के नेता को कई बार घटना के बाद फोन लगाकर संपर्क किया गया। यहां तक की इसी नेता के सहयोगी के यूपीआई से नगद 10 हजार रूपये की राशि भी हत्यारों को भेजी गई। यह सारी जानकारी पुलिस के समक्ष आई है। टिमरी हत्याकांड की जाँच कर रही एसआईटी के सामने यह सब बातें आई हैं। वर्तमान में विधायक के खास करीबी उक्त युवा मोर्चा के पदाधिकारी भूमिगत हो गए हैं और उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है। पुलिस के साथ-साथ क्राइम ब्रांच की टीम भी युवा नेता और उसके सहयोगी की तलाश कर रही है। बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जब युवा मोर्चा के नेता की भूमिका हत्यारों के मददगार के रूप में सामने आई है तो फिर यह भागते क्यों फिर रहे हैं और भूमिगत क्यों है उनके मोबाइल क्यों बंद हो गए हैं और यह खुद को बचाने के लिए बड़े नेताओं के दरबार में क्यों हाजिरी लगा रहे हैं?
इस पूरे हत्याकांड की जांच करने का जिम्मा पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सूर्यकांत शर्मा को सौपा है। श्री शर्मा के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित हुई है। उक्त एसआईटी ने जब गिरफ्त में आए हत्यारों के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली और उन्हें फरारी के दौरान मदद करने वालों की सूची तैयार हुई तो उसमें कछपुरा क्षेत्र के रहने वाले एक भाजपा युवा मोर्चे के नेता का नाम भी सामने आ गया।
जैसे ही उक्त नाम पुलिस के सामने आया तो पुलिस के कान इसलिए भी खड़े हो गए क्योंकि इस युवा मोर्चा के नेता का नाम पहले भी जुएं की फड़ों से जुड़ चुका है। अब यह पूरा मामला राजनीतिक दृष्टिकोण से जुड़ जाने के बाद और अधिक चर्चा में आ गया है। जाँच कर रही पुलिस टीम के समक्ष यह बात भी आई है कि इस हत्याकांड के पीछे मुख्य वजह जुए का विवाद बताया गया था। शहर के फड़बाजों के बीच में इस हत्याकांड के आरोपी बने व्यक्तियों के बीच में जुआँ खिलवालने की संगामित्ति और याराना था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि पुलिस आरोपियों की कॉल डिटेल से प्राप्त सभी प्रकार की जानकारी पर काम कर रही है जिस किसी व्यक्ति का भी आरोपियों की मददगार की भूमिका में साक्ष्य प्राप्त होंगे उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। श्री शर्मा ने कहा कि फिलहाल पुलिस का पूरा ध्यान इस गंभीर हत्याकांड के आरोपियों को सजा दिलाने के उद्देश्य से उनके खिलाफ पुख्ता सबूत एकत्रित करना हथियारों का परीक्षण करवाना आदि बातों पर प्रमुख रूप से केंद्रित है। पुलिस का पूरा प्रयास है कि पूरे मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा में दिलाई जा सके।
70-80 लोगों ने की थी 7 आरोपियों से बात
जाँच टीम के सामने जो बातें निकाल कर सामने आई हैं उसमें यह पाया गया है कि फरार हुए सात आरोपियों ने अपने मोबाइल से घटना को अंजाम देने के बाद पचमढ़ी पहुँचने तक 70 से 80 लोगों को फोन लगाकर बात की थी। इनमें से कुछ नंबर ऐसे हैं जिन पर बार-बार बात हुई है। पुलिस उन्हीं नंबरों को प्राथमिकता के आधार पर जाँच में लेकर कार्य कर रही है।
जिन नंबरों से पैसे ट्रांसफर हुए उनकी भी हो रही जाँच
एसआईटी में शामिल सदस्यों के समक्ष यह बात भी सामने आई है कि कुछ लोगों ने यूपीआई के माध्यम से आरोपियों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए हैं। इन नंबरों को प्राथमिकता के आधार पर जाँच में रखा गया है और इन नंबरों का आरोपियों से संबंध स्थापित करने और साक्ष्य जुटाने के कार्य किया जा रहे हैं।
इनका कहना है
जाँच दल की पूरी प्राथमिकता हत्यारों के संबंध में मजबूत साक्ष्य सबूत एकत्रित करने की है। मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने का प्रयास पुलिस कर रही है अनुमति प्राप्त होते ही यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। आरोपियों के मददगार के रूप में जिस किसी व्यक्ति की भी भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आएगी उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
सूर्यकांत शर्मा, एएसपी ग्रामीण
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