जबलपुर (जयलोक)। भाजपा के लोगों द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि होली के पहले प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। जबलपुर संगठन चुनाव की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, जिसमें मंडल अध्यक्षों के चुनाव और जिला, नगर अध्यक्षों का निर्वाचन शामिल था। अब केवल प्रदेश अध्यक्ष का चयन बाकी है। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। यदि आंचलिक समीकरण बने तो प्रदेश अध्यक्ष का पद जबलपुर आने की संभावना है। जिस तरह से केन्द्रीय संगठन ने प्रदेश शासन के मुखिया के चयन में चौंकाया था और बिलकुल नया नाम डॉ. मोहन यादव का सामने आया था। उसी तरह से प्रदेश में संगठन के मुखिया में भी भाजपा बिलकुल नया चेहरा प्रोजेक्ट करने की तैयारी में है। जानकार मान रहे हैं भविष्य की भाजपा तैयार करने की रणनीति पर अमल हुआ, तो अंडर 50 का फार्मूला लगेगा और बिलकुल नया चेहरा सामने लाया जाएगा। यदि ऐसा हुआ और इसमें आंचलिक समीकरण जुड़े, तो जबलपुर की लाटरी खुल सकती है।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने के बाद से हलचल का माहौल बन गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व अब और देरी करने के मूड में नहीं है, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पूरी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू होनी है, जिस कारण यह निर्णय अब जल्दी लेना जरूरी हो गया है।
हालांकि, अब स्थिति बदल चुकी है और प्रतीत होता है कि यदि सब कुछ सही रहा तो होली के पहले ही नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित किया जा सकता है। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आधा दर्जन से अधिक दावेदार मैदान में हैं, जिनमें संगठन से लेकर विधायक, मंत्री और सांसद तक शामिल हैं।
ऐसे में केंद्रीय पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान का प्रयास होगा कि रायशुमारी के बाद आम सहमति से नए अध्यक्ष का चुनाव किया जा सके।
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