भोपाल (जयलोक)
कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। यूपी के बाद मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन हो गया है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस एक लोकसभा सीट सपा को देगी। यह सीट खजुराहो की होगी। वहीं कांग्रेस ने मध्यप्रदेश की 29 में से 26 सीटों पर नामों के पैनल तैयार कर लिए हैं। 6 सीटों पर सिंगल नाम तय किए गए हैं, जबकि 14 लोकसभा सीटों पर 2-2 नाम तय किए हैं। 4 सीटों पर 3-3 नाम शामिल किए गए हैं। ग्वालियर-चंबल की 2 सीटें ऐसी हैं, जहां पैनल में 5-5 नाम हैं। भोपाल, इंदौर और सतना सीट पर अभी तक नाम तय नहीं हो पाए हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से तैयार पैनल पर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में चर्चा की जाएगी और फिर नाम फाइनल किए जाएंगे। कांग्रेस द्वारा खजुराहो सीट पर भी पैनल बनाया गया है, लेकिन यह सीट सपा के खाते में जाना लगभग तय है। समाजवादी पार्टी टीकमगढ़ और खजुराहो लोकसभा सीट में से एक सीट मांग रही थी। जिसके बाद खजुराहो सीट देने पर सहमति बनी है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने के लिए पिछले दिनों ही दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हो चुकी है। बताया जा रहा है कि इन नामों पर अंतिम मुहर राहुल गांधी की न्याय यात्रा को प्रदेश से निकलने के बाद लगायी जाएगी। माना जा रहा है कि 10 मार्च के पहले कुछ सीटों के उम्मीदवार घोषित हो सकते हैं।
पैनल में विधायक और महापौर भी
जानकारी के अनुसार, राज्य की 29 लोकसभा सीटों में 13 सीटें ऐसी हैं, जहां उम्मीदवारों के पैनल में विधायक और एक महापौर का नाम शामिल है। कांग्रेस पार्टी ने रीवा, सीधी, शहडोल, छिंदवाड़ा, बैतूल और धार के लिए सिंगल नाम का पैनल तय किया है। रीवा सीट के लिए पार्टी ने अजय मिश्रा बाबा का नाम रखा है। बाबा रीवा नगर निगम में कांग्रेस पार्टी के महापौर हैं। सीधी सीट से कमलेश्वर पटेल का नाम पैनल में है। पटेल को 2023 के विधानसभा चुनाव में सिहावल सीट पर हार मिली है। शहडोल सीट से फुंदे लाल मार्को का नाम पैनल में है। मार्को लंबे समय से विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने से जनता के बीच लोकप्रिय हैं। छिंदवाड़ा सीट से पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का नाम है। नकुल नाथ ने पहला लोकसभा चुनाव 2019 में जीता था। उन्होंने भाजपा के नत्थन शाह कवरेती को हराया था। यह प्रदेश की एकमात्र ऐसी सीट जहां कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। बैतूल सीट से रामू टेकाम का नाम है। रामू टेकाम 2019 का चुनाव भी लड़ चुके हैं। लेकिन उन्हें भाजपा के दुर्गादास उइके से हार मिली थी। धार सीट से पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल हनी का नाम तय किया है। बघेल कुक्षी विधानसभा सीट से विधायक है। हनी के पिता प्रताप सिंह बघेल भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं।