जबलपुर (जयलोक)। समरस भारत समर्थ भारत के लिये भारतीय संस्कृति एवं सनातन परम्परा के अनुरूप सब सबको जाने सब सबको माने के ध्येय को लेकर समाज और देश को समरसता के रंग में पिरोने के उद्देश्य से गठित समरसता सेवा संगठन, जबलपुर आपके सत्त सहयोग, स्नेह एवं मार्गदर्शन से समाज के बीच कार्य कर समाज को एक करने की दिशा मे सतत् प्रयास कर रहा हैं।
कार्यक्रम के संबंध में संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन, उज्जवल पचौरी आदि ने जानकारी देते हुए बताया कि इसी कड़ी में एक बार फिर से संस्कारधानी में एकता और सर्व जाति समभाव की दिशा में प्रयास करते हुए संगठन द्वारा संस्कारधानी समरसता होली महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। युग-युगांतर से होली पर्व समता और समरसता का त्योहार रहा है। होली पर आपस की असमता रूपी असुरता का दहन होता है, और एकता के समरस रंग बिखरते हैं। यह पर्व जागरूकता और क्रियाशीलता का भी संदेश देता है। इस पर्व का संदेश है कि, भीतरी और बाहरी गंदगी को ढूंढ-ढूंढकर साफ कर डालें और चतुमुर्सी पवित्रता की स्थापना करें। सनातन संस्कृति में समरसता का रंग गहरा करने वाला होली महापर्व इस बार संस्कारधानी के लिए और खास होगा।
समरसता सेवा संगठन द्वारा पहली बार सर्व जाति-समाज को एक करते हुए अनूठा होली उत्सव मनाया जाएगा। इस हेतु विगत 25 फरवरी को स्थानीय गुजराती मंडल भवन मे सर्व समाज के प्रतिनिधियों कि बैठक आयोजित की गई थी। जिसमे प्राप्त सुझावों के आधार पर कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा तैयार कि गई हैं। कार्यक्रम की तय रूपरेखा अनुसार रंगपंचमी दिनांक 29 मार्च को संस्कारधानी समरसता होली महोत्सव में संध्या चार बजे से छोटा फुहारा स्थित राम-जानकी मंदिर से समरंग यात्रा का श्रीगणेश होगा। यात्रा में पूज्य संतो के सानिध्य में सर्व जाति-समाज और सभी वर्गों के प्रबुद्ध और प्रमुख जन शामिल होंगे। यात्रा छोटा फुहारा से मिलौनीगंज चौक, सुभाष टाकीज, कोतवाली, कमानिया, फुहारा, लार्डगंज, सुपर बाजार, मालवीय चौक होते हुए डी एन जैन मैदान में संपन्न होगी। इस ऐतिहासिक होली के आयोजन मे अवध एवं वृज सहित देश के अन्य स्थानों की प्रसिद्ध होली की तर्ज पर कार्यक्रम कि रूपरेखा तैयार की जा रही हैं।
डी.एन. जैन मैदान मे यात्रा समापन अवसर पर विशाल समरसता होली महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह सर्व समाज द्वारा विविध मंचों से समरसता यात्रियों पर परस्पर पुष्प वर्षा के माध्यम से फूलों की होली खेली जाएगी।सभी जाति समाजो के संगठनों से आग्रह है कि, शोभायात्रा मार्ग पर अपने अपने संगठन के मंच लगाकर इस ऐतिहासिक होली महोत्सव में अपने सहभागिता करें और मंचो पर होली से संबंधित आकर्षक झांकी भी बनाये। संगठन उत्कृष्ट झांकियों को पुरूस्कृत भी करेगा। यात्रा समापन स्थल पर सांस्कृतिक समरसता होली की संयोजना है। आयोजन में परंपरागत राई-फाग की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ फूलों एवं गुलाल के रंग बिखरेंगे।