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विश्वनाथ दुबे द्वारा स्थापित लिटिल वल्र्ड स्कूल स्थापना के मूल सिद्धातों से भटका :स्टेमफील्ड का संचालक पर्व जैसवाल भी होगा गिरफ्तार, कई फर्जी पुस्तकें लगाईं शाला में ,राधिका बुक डिपो के संचालकों के साथ मिलकर की धोखाधड़ी

जबलपुर (जयलोक)
जिला प्रशासन द्वारा कल शहर की 11 स्कूलों के खिलाफ  बड़ी कार्यवाही की गई। यह प्रकार की कार्रवाही देश और प्रदेश में पहली बार हुई है। जिन 11 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाही की गई उनमें जबलपुर के पूर्व महापौर और उद्योगपति पंडित विश्वनाथ दुबे द्वारा स्थापित लिटिल वल्र्ड स्कूल के खिलाफ भी कार्यवाही की गई है।
शिक्षा जगत में अपनी अलग पहचान रखने वाला लिटिल वल्र्ड स्कूल अपनी स्थापना के मूल सिद्धातों से भटक चुका है। शिक्षा का यह मंदिर पूरी तरह से व्यवसायिक हो गया है। इस बात का खुलासा जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाही से स्पष्ट होता है। लिटिल वल्र्ड स्कूल के खिलाफ हुए खुलासे और हुई कार्रवाही से सभी आश्चर्य चकित हैं।
आश्चर्यजनक बात यह है कि 11 स्कूलों में सबसे ज्यादा अतिरिक्त फीस लिटिल वल्र्ड स्कूल द्वारा ही वसूली गई है। कटंगा और तिलवारा में संचालित लिटिल वल्र्ड स्कूल द्वारा सर्वाधिक 18 करोड़ 39 लाख रुपए की अतिरिक्त फीस वसूली गई है। इस शाला के संचालन से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। यह खुलासा लिटिल वल्र्ड स्कूल के  स्थापना सिद्धातों पर कलंक जैसा नजर आ रहा है।
पंडित विश्वनाथ दुबे जबलपुर के पूर्व महापौर होने के साथ-साथ ही पोल्ट्री के देश ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़े पोल्ट्री उद्योग के संचालक भी रहे हैं। दुबे जी ने शहर वासियों के बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए कटंगा में नर्सरी स्कूल खोला। कुछ ही समय बाद यह नर्सरी स्कूल शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में जाना जाने लगा। इस प्रतिष्ठित स्कूल में छात्रों की बढ़ती संख्या और बढ़ती कक्षाओं की वजह से पं. विश्वनाथ दुबे ने तिलवारा में कई एकड़ में एक विशाल लिटिल वल्र्ड स्कूल का परिसर निर्मित करवाया। इस स्कूल में स्विमिंग पूल से लेकर हर तरह की बेहतर सुविधाएं भी छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराई गईं। इस स्कूल का शैक्षणिक स्तर लगातार बढ़ता गया और हाई स्कूल तक अब यहां कक्षाएं संचालित हो रही है। पंडित विश्वनाथ दुबे ने इस स्कूल की स्थापना शहर वासियों के बच्चों को सुविधायुक्त स्कूल में बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए कराई थी और इसका मूल उद्देश्य सीमित फीस राशि में अच्छी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना था, ना कि इस स्कूल के माध्यम से उन्होंने शिक्षा का कारोबार करने सोचा था।
कुछ वर्ष पूर्व पंडित विश्वनाथ जी दुबे का निधन हो गया और उनके द्वारा स्थापित लिटिल वल्र्ड स्कूल का संचालन करने वालों ने इस स्कूल को कमाई का एक बहुत बड़ा माध्यम बना दिया। इस स्कूल में शिक्षा से जुड़े कॉपी किताब और पुस्तकों और स्कूल की ड्रेस के माफियाओं को भी फूलने का भरपूर मौका मिलने लगा। शाला प्रबंधन और संचालकों ने छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से बेतहाशा फीस लेना भी शुरू कर दिया और फीस बढ़ाने के जो नियम थे उनको भी पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया। इसी का यह नतीजा है कि कल जिन 11 स्कूलों में प्रशासन द्वारा कार्र्यवाही की गई उनमें सबसे ज्यादा लिटिल वल्र्ड स्कूल में ही 18 करोड़ 39 लाख रुपए की स्कूल फीस वसूली गई है। लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा है कि शिक्षा को एक सेवा का रूप देने के लिए लिटिल वल्र्ड स्कूल की स्थापना करने वाले पंडित विश्वनाथ दुबे द्वारा स्थापित यह लिटिल वल्र्ड स्कूल भी व्यावसायिक पिपासा का शिकार हो जाएगा।

लिटिल वल्र्ड स्कूल से  तीन गिरफ्तार
लिटिल वल्र्ड स्कूल के कटंगा और तिलवारा स्कूल के संचालन से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें चित्रांगी अय्यर, परिधि भार्गव और सुबोध नेमा को गिरफ्तार किया गया है।

स्टेमफील्ड का संचालक पर्व जैसवाल भी होगा गिरफ्तार, कई फर्जी पुस्तकें लगाईं शाला में

कल जिन 11 स्कूलों के खिलाफ मिलीभगत कर लूट खसोट करने के प्रकरण दर्ज किए गए हैं उनमें विजय नगर स्थित स्टेमफील्ड स्कूल भी शामिल हैं। प्रशासन ने स्टेमफील्ड स्कूल के संचालक डायरेक्टर पर्व जैसवाल, श्रीमती मधु रानी जैसवाल चेयरमेन, प्रशासक श्रीमती सुप्रिया जैसवाल, प्राचार्य मनमती कोहली के खिलाफ धारा 420, 409,468, 471, 120बी की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार पर्व जैसवाल विदेश यात्रा पर है। जैसे ही वे वापस आएंगे उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। एफआईआर में इस बात का उल्लेख किया गया है कि स्टेमफील्ड स्कूल द्वारा बिना प्रशासन के अनुमति के फीस वृद्धि की गई। इसकी जानकारी छुपाई गई, विद्यालय प्रबंधन द्वारा चयनित कई पुस्तकों में फर्जी आईएसबीएन नम्बर दर्ज हैं। पोर्टल जिसका मिलान नहीं होता, स्टेमफील्ड स्कूल द्वारा अधिकांश फर्जी और डुपलीकेट आईएसबीएन नम्बर वाली पुस्तकों को पाठयक्रम में शामिल करने का उल्लेख एफआईआर में दर्ज हैं। पुस्तकों की कीमत कई गुना बढ़ाकर दर्ज की गई है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा पुस्तक विके्रता राधिका बुक डिपो और कथित प्रकाशक के  साथ मिलकर आपराधिक संलिप्तता कर फर्जी पुस्तकों को विक्रय कर अनुचित लाभ कमाया गया है। यह सभी कृत्य धोखाधड़ी की श्रेणी में आते हैं। इस प्रकरण में पुलिस ने प्राचार्य मनमीत कोहली, न्यू राधिका बुक डिपो के संचालक आलोक इंदुरखिया और राम इंदुरखिया को गिरफ्तार कर लिया है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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