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लिटिल वल्र्ड स्कूल : 36 प्रतिशत मुनाफा, फिर भी बढ़ाई मन माफिक फीस, 18 करोड़ से ज्यादा वसूले

जबलपुर (जयलोक)
शहर की एक नामचीन और पुरानी शैक्षणिक संस्था तिलवारा रोड पर स्थित लिटिल वल्र्ड स्कूल के संचालकों ने मुनाफाखोरी के मामले में सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य जिम्मेदार लोग अभी भी जेल में हैं। इस स्कूल की एक ब्रांच कटंगा में है, उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है। दर्ज प्रकरण की जाँच के दौरान चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लेकर बारीकी से स्कूलों से जप्त की गई ऑडिट रिपोर्ट की जाँच की जा रही है। इसी जाँच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि वर्ष 2021-22 में लिटिल वल्र्ड स्कूल को 17 प्रतिशत का सालाना शुद्ध मुनाफा हुआ था। इसके बाद भी स्कूल संचालकों ने फीस बढ़ा दी।
यही नहीं अगले वर्ष 2022-23 में भी अभिभावकों को लूटने के लिए यही कृत्य दोहराया गया, जबकि इस बार लिटिल वल्र्ड स्कूल का वार्षिक मुनाफा 36 प्रतिशत से अधिक हो गया था। इसके बावजूद भी मनमाने तरीके से फीस में वृद्धि कर दी गई। यह बात भी जाँच में सामने आ चुकी है कि अभी जिन 11 स्कूलों पर एफआईआर हुई है उनमें सर्वाधिक 18 करोड़ 39 लाख रूपये अतिरिक्त फीस के रूप में लिटिल वल्र्ड स्कूल के द्वारा ही वसूल किए गए हैं।
इनके संचालक विदेश में हैं और वापस नहीं आए हैं। पुलिस उनसे भी पूछताछ कर सकती है। लिटिल वल्र्ड स्कूल की सीईओ चित्रांगी अय्यर, मैनेजर सुबोध नेमा, प्राचार्य परिधि भार्गव, श्री श्रीवास्तव के खिलाफ  420, 409, 468, 471, 120 बी जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज है और यह वर्तमान में जेल में बंद है। इस मामले में पुलिस और बारीकी से जाँच पड़ताल कर रही है इस बात की भी संभावनाएं हैं कि आगे चलकर इस प्रकरण में और भी लोगों को आरोपी बनाया जा सकता है।
लिटिल वल्र्ड स्कूल के कृत्यों के खिलाफ  जो एफआईआर दर्ज हुई है। इसमें स्कूल प्रबंधन के क्रियाकलापों के बारे में उल्लेखित किया गया है कि जाँच अधिकारियों ने पाया कि लिटिल वल्र्ड स्कूल तिलवारा एवं लिटिल वल्र्ड स्कूल कटंगा के द्वारा लगातार कई वर्षों से फीस वृद्धि की जा रही है लेकिन इसकी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया। ना ही नियमों का पालन करते हुए जिला समिति और राज्य स्तरीय समिति को इसकी सूचना दी गई। ना ही फीस वृद्धि के लिए सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति प्राप्त की गई। स्कूल प्रबंधन द्वारा अनाधिकृत रूप से निरंतर फीस वृद्धि की गई और अनुचित लाभ कमाया गया। स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रशासन एवं अभिभावकों को अंधेरे में रखकर धोखाधड़ी की गई।
किताबों की कीमत कई गुना अधिक वसूली
स्कूल में लागू की गई कई किताबों पर फर्जी आईएसबीएन नंबर दर्ज है। जिसकी कोई भी जानकारी पोर्टल पर नहीं मिलती है। यह फर्जी और डुप्लीकेट आईएसबीएन वाली पुस्तक की श्रेणी में आता है। रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि इन फर्जी किताबों की वास्तविक कीमत से कई गुना अधिक एमआरपी दर्ज कर अनुचित लाभ कमाया गया। स्कूल प्रबंधन ने प्रकाशकों और पुस्तक विके्रताओं के साथ मिली भगत कर इस कृत्य को अंजाम दिया जो अपराध की श्रेणी में आता है।
पुलिस ले सकती है रिमांड पर
जेल में बंद लिटिल वल्र्ड स्कूल के आरोपियों को पुलिस जल्द ही डिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है ताकि अन्य साक्ष्यों को भी एकत्रित किया जा सके।

श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल का भी यही कारनामा, आरटीआई वाले बच्चों को भी नहीं छोड़ा

धनवंतरी नगर क्षेत्र में स्थित श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल का भी यही फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस स्कूल के प्रबंधन ने भी नियम-कानून कायदों को ताक पर रखकर बच्चों के अभिभावकों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लूटखसोट में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए इस स्कूल के प्रबंधन ने शासन की व्यवस्था के अनुरूप राइट टू एजुकेशन जिसमें गरीब तबके के परिवारों के बच्चे भी अच्छे स्कूलों में पढ़ सकते हैं, उन बच्चों को भी नहीं छोड़ा। पुलिस जाँच के दौरान यह बात सामने आई है कि दिखाने के लिए तो राइट टू एजुकेशन के अंतर्गत बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया गया लेकिन बाद में अलग-अलग बहानोंं से उनके अभिभावकों पर 10 से 15 हजार रुपए फीस के नाम पर जमा करने का दबाव बनाया गया। पैसे जमा नहीं करने पर स्कूल से बच्चों को निकालने की धमकी भी दी गई। यह सभी बातें पुलिस की जाँच के दौरान सामने आई हैं। श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल का प्रबंधन काली कमाई के पैसों को कई अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाता था। लेकिन जब पुलिस ने दस्तावेज माँगे और जाँच की तो स्कूल प्रबंधन द्वारा अपनी ऑडिट रिपोर्ट में केवल दो ही बैंक खातों का उल्लेख होना पाया गया। हालांकि पुलिस ने अन्य बैंक खातों की जानकारी भी एकत्रित कर ली है और उन्हें भी जाँच में शामिल कर लिया है। पुलिस को अंदेशा है की जाँच के बाद इस स्कूल प्रबंधन द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामले में और भी नए-नए खुलासे हो पाएंगे।
राइट टू एजुकेशन के अंतर्गत जिन बच्चों के अभिभावकों से पैसे वसूल किए गए हैं पुलिस जल्द ही उनके भी बयान दर्ज करेगी एवं सबूत के रूप में दस्तावेज भी जप्त किये जायेंगे। चैतन्य टेक्नो स्कूल प्रबंधन ने भी लगातार कई वर्षों से फीस में नियम विरुद्ध वृद्धि की है। ना तो किसी सक्षम प्राधिकारी से इसकी अनुमति प्राप्त की गई ना ही इसके लिए निर्धारित कमेटियों को समय सीमा में सूचना दी गई। जानकारी को छुपा कर अभिभावकों से अनुचित फीस वसूल करना धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। इस स्कूल के कृत्यों की कई बिंदुओं पर जाँच जारी है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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