नई दिल्ली (एजेंसी/जयलोक)।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को अपना सातवां बजट पेश करेंगी। यह नरेन्द्र मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा। यह बजट 2047 तक विकसित भारत का रास्ता तैयार करेगा। पिछले महीने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा था कि आगामी बजट सत्र में कई ऐतिहासिक कदम और बड़े आर्थिक फैसले लिए जाएंगे। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक को अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा था कि यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण का एक प्रभावी दस्तावेज होगा। इस बजट में बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे। वित्त मंत्रालय ने कहा कि आम बजट 2024-25 के लिए बजट पूर्व परामर्श 19 जून से शुरू हुआ और पांच जुलाई, 2024 को समाप्त हुआ। विचार-विमर्श के दौरान 10 हितधारक समूहों के 120 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इनमें किसान संघों और कृषि अर्थशास्त्रियों के अलावा व्यापारिक संगठनों, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र, रोजगार और कौशल, सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई), व्यापार और सेवाएं, उद्योग, वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार और बुनियादी ढांचा, ऊर्जा और शहरी क्षेत्र के विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल थे। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित इन बैठकों में वित्तराज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव और व्यय सचिव टीवी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) सचिव तुहिन के पांडेय, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी और राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा सहित अन्य ने भाग लिया।भारत में मोदी सरकार 3.0 के बजट का इंतजार खत्म होने वाला है। महज दो सप्ताह में (23 जुलाई को) भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पूर्ण बजट पेश करने जा रही हैं। इस बीच, ग्लोबल इंवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म गोल्डमैन सैक्स का बयान आया है। फर्म के जानकारों ने हालिया नोट में कहा कि आने वाला बजट राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर चलने वाला होगा। वित्त मंत्री मोदी 3.0 बजट मामूली प्रोत्साहन उपायों के बजाय व्यापक आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित रहेगा। गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि सार्वजनिक कर्ज की अधिकता को देखते हुए, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए सीमित राजकोषीय धन है। इसके अलावा, भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड ने लॉन्ग टर्म पॉजिटिव ग्रोथ को बढ़ावा दिया है, जिसे नीति निर्माता छोडऩा नहीं चाहते है। गोल्डमैन सैक्स के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख अर्थशास्त्री ने कहा है, ‘मोदी सरकार अगले कई वर्षों में दीर्घकालिक आर्थिक नीति विजन के बारे में बड़ा बयान देने के लिए बजट का उपयोग करेगी।