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दूर के स्थान की रॉयल्टी की एक पर्ची से शहर में लगती हैं कई ट्रिप सेटिंग के खेल में सब बराबर के हिस्स्सेदार, बड़े स्तर पर ही कार्यवाही संभव

जबलपुर (जयलोक)
अवैध उत्खनन करने वालों ने चोरी के तरीकों में लगातार इजाफा किया है। वर्तमान में रॉयल्टी चोरी का बड़ा खेल खेला जा रहा है इस खेल में छोटे स्तर से लेकर बड़े अधिकारी तक शामिल हैं। जानकारी सबको है लेकिन कार्यवाही ना होना अपने आप में आश्चर्य की बात है। बड़ी ही चालाकी से वैध और अवैध खदान वाले इस पूरे खेल को संचालित कर रहे हैं। अवैध खदान वालों को तो किसी प्रकार की रॉयल्टी की जरूरत नहीं वे तो खुलेआम बेधडक़ मिट्टी, मुरम, बोल्डर, पत्थर, रेत सब खोद-खोद कर बेच ही रहे हैं। दूसरी ओर जो वैध खदान वाले हैं वह भी चोरी के इस खेल में पीछे नहीं है। एक रॉयल्टी जो बरगी के मानेगांव मंगेली क्षेत्र से जबलपुर के लिए बनती है उसमें ढाई घंटे का समय रहता है। लेकिन इस एक रॉयल्टी पर्ची पर सेटिंग से एक या दो ट्रिप लगा दी जाती है और बड़ा खेल खेलना हो जाता है।
वहीं कई उत्खनन के कारोबारियों द्वारा डिंडोरी ,कुण्डम, नरसिंहपुर, गाडरवारा आदि क्षेत्रों की रायल्टी पर्ची कटवाली जाती है। इस पर्ची में 8 घंटे का समय डला होता है। जिसका लाभ उठाकर अवैध रूप से जबलपुर के विभिन्न क्षेत्रों में रॉयल्टी चोरी कर धड़ल्ले से माल गिरा दिया जाता है। बहुत से ऐसे जानकार हैं जिन्हें इस खेल के बारे में पता है तो वह रास्ते में रोक कर अपनी सेटिंग जमा लेते हैं। कुछ खनिज अधिकारी और कुछ पुलिस कर्मी इस कृत्य के लिए विभाग स्तर पर बदनाम हंै लेकिन इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इन्हीं की शह की वजह से ये कारोबारी लोग खुलेआम अवैध उत्खननन का कार्य कर रहे है और विभाग की कार्यवाही की हर सूचना देने का काम भी ऐसे ही लोगों के द्वारा किया जा रहा है।
नहर के रास्तों पर बने नाका तो रुक जाएगी चोरी
मानेगांव मंगेली इस पूरे क्षेत्र में स्वीकृत खदानों के अलावा बहुत बड़े स्तर पर अवैध उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। मानेगांव मंगेली और मुंहास से खिरौनी, बढ़ौयाखेड़ा गांव जाने वाले मार्ग पर पडऩे वाली नहर के दोनों और के रास्तों को ही माध्यम बनाकर अवैध उत्खनन करने वाले जंगल में शासकीय, वन विभाग और निजी भूमि तक पहुंच गए हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर खनिज विभाग पुलिस विभाग के साथ मिलकर मौके पर छापा मारने से डरता है या साठगांठ  के कारण यह कार्य नहीं हो पा रहा है तो सबसे अच्छा विकल्प यह है कि इन नहरे के पास नाका या जांच चौकी बना दी जाए तो बहुत हद तक अवैध उत्खनन करने वाले की हरकतों पर रोक लगा सकेगी।
रातों रात हो रही धड़ल्ले से अवैध खुदाई
जानकारों का कहना है भले ही अब बारिश का मौसम लग गया हो लेकिन अवैध उत्खनन करने वाले इस दौर को बहुत अच्छा मानते हैं क्योकि बारिश के दौर में सरकारी अमला कच्चे रास्तों पर आने से बचता है और इसका फायदा ही ये अवैध खुदाई करने वाले उठा लेते हैं। दिन तो दिन रात में जमकर खुदाई की जा रही है। इस शासकीय सम्पदा की लूट को कोई भी रोकने वाला नहीं है। रातरात पोकलेन और 200, जेसीबी, हाईवा, डम्फर लगाकर सैकड़ों- हजारों घनमीटर माल खोद कर चोरी किया जा रहा है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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