जबलपुर (जयलोक)
रानीताल गेट नंबर 2 के पास नगर निगम की अनदेखी से ऐसा कारनामा किया जा रहा है कि खुद की जमीन के साथ सरकारी जमीन पर कब्जा करके बहु मंजिला इमारत तान दी गई है। जबकि, भू स्वामी की वास्तविक भूमि लगभग 270 से 300 वर्ग फीट है। इस अतिक्रमण की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में दर्ज की जा चुकी है लेकिन उसके बावजूद भी कार्यवाही नहीं हो रही है । यहां 3 स्लैब में प्रोजेक्शन बढ़ाकर 600 वर्ग फीट पर कब्जा कर लिया गया है। यह कब्जा हाल ही में बने फुटपाथ से सडक़ तक किया गया है। मामले में नगर निगम के जिम्मेदार यह दलील दे रहे हैं कि अंतिम नोटिस भेज दिया गया है। हांलाकि, सवाल इस बात का उठ रहा है कि अवैध निर्माण लगातार जारी है और नोटिस बाजी चल रही है। जिसकी जांच में नगर निगम के अफसरों द्वारा हीलाहवाली की जा रही है।
मदन महल फ्लाइओवर निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण की कारवाई की गई थी। की गई शिकायत में इस बात का उल्लेख है कि गेट नंबर 2 के पास जैन का भी मकान अधिग्रहण की जद ेमें आया था। इस मकान में नियमानुसार भूमि अधिग्रहण करने के बाद उन्हें सरकार द्वारा लाखों रुपए का मुआवजा भी दे दिया गया है। मुआवजा राशि लेने के पश्चात बिल्डर जैन के द्वारा जमीन पर आल्टरेशन के नाम पर नया निर्माण किया जा रहा है। जिसमें नियम विरुद्ध तरीके से लिफ्ट भी लगा दी गई। इतना ही नहीं एफएआर के मापदंडों को धता दिखाते हुए निर्माण जारी है। यह निर्माण 1984 भूमि विकास अधिनियम की नियमावली को नजरअंदाज करते हुए किया गया है।
फुटपाथ पर निकाला गया कैंटीलीवर
सूत्रों के मुताबिक निर्माणधीन भवन बिना नक्शा स्वीकृति के बनाया जा रहा है। भवन निर्माण में जरूरी मापदंडों का भी ख्याल नहीं रखा गया। 100 प्रतिशत मकान को कवर्ड करके निर्माण तो हुआ ही है साथ ही फुटपाथ के ऊपर 5 से 6 फीट कैंटीलीवर निकाल कर 37 फीट चौड़ाई तक अवैध निर्माण किया गया है। इस लिहाज से हर फ्लोर पर 185 वर्ग फीट पर अवैध निर्माण है।
अवैध निर्माण से बढ़ रहा हौसला
मदन महल से दमोहनाका के बीच मुख्य मार्ग पर एक ऐसा अकेला निर्माणाधीन भवन है जिसे देखकर हर कोई इस बात से आश्चर्यचकित है कि आखिर जिम्मेदारों ने उक्त अवैध निर्माण को रोकने का प्रयास शुरुआती स्तर पर ही क्यों नहीं किया। लिहाजा, निगम की इस अनदेखी और अवैध निर्माणकर्ता के हौसले को देखकर क्षेत्र में अवैध निर्माणों को भी शह मिल रही है। वही, इस तरह का अतिक्रमण स्मार्ट सिटी के विकास कार्यों पर कलंक साबित हो रहा है।
सीएम हेल्पलाइन की भी शिकायत नजरअंदाज
इस मामले में एक जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक पाठक द्वारा सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की गई है। यह शिकायत नगर निगम के अधिकारियों तक भी पहुंच चुकी है। बावजूद इसके संबंधित जिम्मेदारों ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। निगम के अधिकारियों का यह रवैया सीएम हेल्पलाइन की सुविधा को भी पलीता लगा रहा है।
दब गईं अनेक पाइपलाइन
फुटपाथ के पास जल विभाग द्वारा पानी सप्लाई के लिए करोड़ों रुपए खर्च करके नई पाइपलाइन बिछाई गई है। स्मार्ट सिटी की योजना के तहत यहां 24 घंटे पानी सप्लाई की जा रही है। भविष्य में पानी सप्लाई में कोई तकनीकी खामी आने पर उसकी मरम्मत नहीं की जा सकेगी । दरअसल, फुटपाथ के पास वर्किंग स्पेस छोडऩे में भी मनमानी की गई है।