पुलिस अधीक्षक के पास पहुँचे पीडि़त, बताये नाम
जबलपुर (जयलोक)। सिहोरा तहसील अंतर्गत कटरा रमखिरिया रेत खदान धसकने से तीन मौत के मामले में भाजपा नेता का नाम चार्जशीट से अलग होने के बाद अब मालमे में नया मोड़ आ गया है। गत मंगलवार को एसपी आपिस में की गई लिखित शिकायत में अंकित तिवारी के भाई कान्हा तिवारी और उसके साथियों पर गवाहों को बंधक बनाने और जबरदस्ती बयान बदलने के आरोप लगे हैं सिहोरा के गोसलपुर थाना अंतर्गत हुए रेत खदान हादसे में आरोपी बने भाजपा के मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी सहित अन्य पर एफआईआर दर्ज हुई थी लेकिन गवाहों के बयान के आधार पर फिर अंकित का नाम अलग कर दिया गया था। इस मामले में गवाहों ने एसपी कार्यालय जबलपुर पहुँच कर लिखित शिकायत में आरोप लगाए हैं कि भाजपा नेता अंकित तिवारी के भाई के द्वारा गवाहों को बंदूक की नोक पर बयान बदलने को मजबूर किया गया था। इस मामले में पीडि़त धनीराम ने लिखित शिकायत में आरोप लगाते हुए बताया कि एक माह पहले भाजपा नेता के भाई कान्हा तिवारी और उसके एक साथी धर्मेंद्र खटीक के द्वारा योजनावद्ध तरीके से घायलों का इलाज सिहोरा में करवाने की बात कह कर मुझे और घायलों को कार में बैठा लिया और खितौला स्थित अपने ऑफिस ले जाकर सिर पर बंदूक अड़ाकर बंधक बना लिया और अगवा किया और सिर पर बंदूक रखकर बयान बदलने मजबूर कर दिया। पीडि़त धनीराम ने लिखित शिकायत में बताया कि मुझे अपने ऑफिस में बंधक बनाकर रखा और मेरे सिर पर पिस्तौल रखकर मेरे परिवार जनों को अपने बयान बदलने के लिए मजबूर किया गया, इसके बाद खदान हादसे में घायल हुए परिजनों को ऑटो में बैठकर सिहोरा एसडीओपी कार्यालय ले जाया गया जहां उनसे जबरदस्ती भाजपा नेता के पक्ष में बयान दिलवाए गए। जिसमें एसडीओपी सिहोरा के द्वारा चश्मदीदों की गवाही के आधार पर भाजपा नेता का नाम एफआईआर से अलग कर दिया गया।