जबलपुर (जयलोक)
प्रदेश के बिजली कंपनियों ने बिजली हानि की अधिकतम सीमा 21.37 प्रतिशत को अनुमति मांग कर नियामक आयोग के पास बिजली रेट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। जबकि हिमाचल में 12.90 प्रतिशत दिल्ली में 8.72 प्रतिशत महाराष्ट्र में 15 प्रतिशत, तेलंगाना में 10.65 प्रतिशत तथा आंध्र प्रदेश में 10.55 प्रतिशत ही बिजली हानि थी। देश के अन्य प्रदेशों में बिजली हानि में भारी कमी आने के बावजूद भी मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियां वर्ष 2025-26 के लिए भी लगभग 20 प्रतिशत की अधिकतम सीमा की अनुमति मांग कर विद्युत नियामक आयोग के समक्ष बिजली के रेट बढ़ाने के लिए नवम्बर में प्रस्ताव रखने वाली है। विभिन्न संगठनों ने इसका तीव्र विरोध कर मांग की कि आयोग को बिजली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करना चाहिए। डॉ. पीजी नाजपांडे ने बताया कि वर्ष 2024-26 के लिए आयोग ने आरडीएसएस के तहत निर्धारित बिजली हानि को अनुमित प्रदन की है।
विभिन्न संगठनों ने स्पष्ट किया की यदि बिजली कंपनियां बिजली के रेट बढाय़ेगी तो उसका डट कर विरोध किया जाएगा।
वर्ष 2024-25 वर्ष 2025-26
पूर्व क्षेत्र वि.कं. 19.49 प्रतिशत 17.00 प्रतिशत
मध्यक्षेत्र वि.कं. 19.57 प्रतिशत 17.00 प्रतिशत
पश्चिमक्षेत्र वि.कं. 13.4 प्रतिशत 13.00 प्रतिशत