जबलपुर (जय लोक)
जिला प्रशासन द्वारा निजी स्कूल संचालकों, प्रकाशकों और कॉपी किताब के विक्रेताओं के साथ मिलकर जो मोनोपॉली बनाकर आम उपभोक्ता को लूटने का कार्य किया जा रहा है उसके खिलाफ जमीनी स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई है। कलेक्टर दीपक सक्सेना के आदेश प्राप्त होने के बाद रांझी एसडीएम आर एस मरावी के नेतृत्व वाली टीम ने चिल्ड्रन बुक हाउस में पहुँचकर कई बिंदुओं के आधार पर जांच पड़ताल की। एसडीएम ने प्रथम दृष्टि में यह पाया कि यहाँ पर पहले से ही चिन्हित स्कूलों के लिए पहले से तय प्रकाशकों की किताबों का सेट बनकर तैयार रखा गया था। इसके साथ ही एनसीईआरटी की किताबों के अलावा महंगी किताबें का भी समावेश उक्त सेट में पाया गया। एसडीएम मरावी ने जय लोक से चर्चा करते हुए बताया कि जिन बिंदुओं पर हम जाँच कर रहे हैं उसके आधार पर तो पूर्व नियोजित चीज स्पष्ट रूप से समझ आ रही है। अगले चरण में संबंधित निजी स्कूल से पूछताछ की जाएगी उनका पक्ष जाना जाएगा और उनके प्रबंधकों के बयान दर्ज होने के बाद संपूर्ण जाँच का प्रतिवेदन बनाकर जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाएगा।
इसी प्रकार राधिका बुक डिपो में कल भी कार्रवाई हुई और आज भी उनके गोलबाजार स्थित मॉल में जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की गई। राधिका बुक डिपो ने पूरे शहर में अपने तीन चार प्रतिष्ठान खोल के रखे हैं। इसी उद्देश्य से एसडीएम अधारताल शिवाली सिंह के नेतृत्व में पहुंची टीम ने कल जाँच पड़ताल की थी। आज जबलपुर एसडीएम के नेतृत्व तहसीलदार अधारताल दीपक पटेल एवं अन्य अधिकारियों ने गोलबाजार स्थित राधिका बुक डिपो के प्रतिष्ठान में पहुँचकर जाँच पड़ताल की। समाचार लिखे जाने तक जाँच पड़ताल जारी थी। तहसीलदार दीपक सिंह ने जय लोक से चर्चा करते हुए बताया कि फिलहाल तय बिंदुओं पर जाँच चल रही है। बुक सेलर और प्रकाशक के बीच की मोनोपोली के संबंध में सभी पक्षों के कथन लिए जांयेंगे, पंचनामा किया जायेगा। पूरी जाँच का प्रतिवेदन कलेक्टर को अग्रिम कार्यवाही हेतु सौंपा जाएगा।
शिक्षा माफिया से पीडि़त व्यक्ति ने जबलपुर कलेक्टर को फोन लगाया
जबलपुर (जय लोक)। निजी स्कूलों के द्वारा प्रकाशकों और कॉपी किताब के विक्रेताओं के साथ मिलकर षड्यंत्रकारी तरीके से शिक्षा माफिया की शक्ल में मचा रखी लूटखसोट की पीड़ा और इस समस्या की व्यापकता का एक उदाहरण कल उस वक्त सामने आया जब कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा पीडि़त लोगों की सुविधा के लिए जारी करवाए गए मोबाइल नंबर पर शिक्षा माफिया से पीडि़त मुंबई निवासी एक व्यक्ति ने संपर्क किया। उस व्यक्ति ने कलेक्टर दीपक सक्सेना को संबोधित करते हुए लिखा कि उसने जिला प्रशासन जबलपुर द्वारा शिक्षा माफिया के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की खबर पढ़ी वह भी इसी प्रकार की समस्याओं से परेशान है और वो जानना चाहता है कि मुंबई में रहते हुए वह किसको इस बारे में शिकायत प्रस्तुत कर सकता है। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है कि शिक्षा माफिया केवल जबलपुर या मध्य प्रदेश में ही हावी नहीं है बल्कि पूरे देश में आम आदमी इनकी गिरफ्त में फँसा हुआ है।