कलेक्टर दीपक सक्सेना ला रहे बुक फेयर, थोड़ा सा इंतजार करें अभिभावक , उचित मूल्य पर उपलब्ध होंगी किताबें और यूनिफॉर्म
परितोष वर्मा
जबलपुर (जय लोक) । प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के स्पष्ट निर्देश और मंशा के अनुरूप जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने निजी स्कूलों और कॉपी- किताब , यूनिफॉर्म, स्टेशनरी सामग्री आदि के दुकानदारों की चल रही मनमानी और लूट खसोट को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए यह तय किया कि जिले में पहली बार बुक फेयर जैसे पारदर्शी तरीके को अपनाने का कार्य किया जाएगा। जहां उचित मूल्य पर वस्तुं एवं पुस्तकें उपलब्ध होंगी।
जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के अनुसार लगातार इस बात की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि कुछ निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा एनसीईआरटी और एससीईआरटी से संबंधित पुस्तकों के साथ अन्य प्रकाशकों की अधिक मूल्य की पुस्तकें एवं अन्य स्टेशनरी की सामग्री यूनिफॉर्म, टाई, जूता ,बुक कवर, नेम स्लिप आदि अधिक मूल्य पर कुछ विशेष चयनित दुकानों से ही खरीदने के लिए अभिभावकों और बच्चों पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है।
मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा अन्य संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम 2017 के तहत ऐसे विषयों को विनियमित करने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला समिति पूर्ण रूप से सक्षम है।
ऐसा पहली बार हो रहा है जब जिला कलेक्टर प्राप्त अधिकारों के तहत हर शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में निजी स्कूल प्रबंधकों और कुछ एक कॉपी किताब विक्रेताओं ,यूनिफॉर्म विक्रेताओं की मनमानी और लूट खसोट को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं।
कलेक्टर दीपक सक्सेना को मिल रही शिकायतों के परिपेक्ष में निजी स्कूल प्रबंधन और विषय विशेषज्ञों के साथ जिला समिति द्वारा विचार विमर्श कर अलग-अलग पाठ्य पुस्तकों ,यूनिफॉर्म एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री की प्रतिस्पर्धात्मक और उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने की दिशा में कार्यवाही की जा रही है।
कलेक्टर दीपक सक्सेना की मंशा है कि ऐसी तथाकथित मोनोपॉली व्यवस्था को समाप्त करने के लिए पाठ्य पुस्तकों, यूनिफॉर्म एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री क्रय करने हेतु अप्रत्यक्ष रूप से स्थापित चयनित दुकानों को दरकिनार कर प्रत्यक्ष और पारदर्शी तरीके से बुक फेयर का आयोजन किया जाएगा । जिसमें उचित मूल्य पर कॉपी- किताबों, यूनिफॉर्म के अलावा सभी सामान उपलब्ध हो पाएंगे।
अभिभावकों को सलाह
कलेक्टर ने जिले के सभी अभिभावकों को यह सलाह भी दी है कि वह कतिपय स्कूल प्रबंधन द्वारा चयनित दुकान विशेष से अधिक और अनुचित मूल्य पर पाठ्य पुस्तक यूनिफॉर्म एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री की खरीदी फिलहाल ना करें । जल्द ही इस दिशा में कलेक्टरकी अध्यक्षता वाली जिला समिति निर्णय ले रही है ताकि इस लूट खसोट को रोका जा सके और बच्चों एवं अभिभावकों को राहत मिल सके।