जबलपुर (जयलोक)।
गरीब और बेसहारा लोगों के लिए शुरू की गई आयुष्मान योजना का लाभ अब गरीबों को ही नहीं मिल रहा है। दरअसल आज भी ऐसे कई लोग हैं जो आयुष्मान योजना का लाभ लेने से वंचित है जिसका मुख्य कारण हैं ऐसे लोगों को आयुष्मान कार्ड ना बनाया जाना। एक ऐसा ही मामला इंदिरा गांधी कॉलोनी में रहने वालील 40 वर्षीय महिला के साथ हुआ है। कैंसर पीडि़त महिला श्रीमती रंजना इमलाहा कई माह से इलाज की आस लगाए जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। पीडि़त रंजना इमलाहा के पति की मृत्यु 5 वर्ष पूर्व हो चुकी है, वह अपने 14 वर्षीय पुत्र के साथ इंदिरा गाँधी कॉलोनी में बहन के घर पर रूकी हुई है।
कितनी बिडम्बना है कि जिस महिला के रहने के लिये घर नहीं, खाने पीने के लिये राशन नहीं ऐसी बेसहारा महिला के लिये शासन के पास कोई योजना नहीं है जिससे उसका इलाज हो सके। जनप्रतिनिधि एवं सरकार के नुमाइंदे बड़ी-बड़ी बाते करते हैं, वे कहते हैं कि सरकार ने सभी वर्गों के लिये योजनायें बनाई हैं यहां तक कि पैदा होने के बाद मरने तक के लिये भी सरकार योजनायें होने का ढिढोरा पीट रही है। लेकिन कोई इन नेताओं से यह नहीं पूछता कि रंजना इमलाहा के लिये भी सरकार की कोई ऐसी योजना है जिससे उसका इलाज हो सके। रंजना की कमजोर एवं देयनीय हालत को जानने वाले लोगों का कहना है कि अगर इस महिला का आयुष्मान कार्ड बन जाये तो इसका इलाज हो सकता है। लेकिन जनप्रतिनिधियों एवं शासन के अधिकारियों तक शायद ही इस महिला की करूण आवाज पहुँच सके। उसके परिचित शासन एवं प्रशासन से यह अपेक्षा कर रहें हैं कि वे इस महिला के लिये और कुछ करे या न करे कम से कम उसका आयुष्मान कार्ड बनवा दे ताकि उसका इलाज हो सके।वह जिस अस्पताल में जाती है वहां आयुष्मान कार्ड मांगा जाता है लेकिन न तो शासन और न ही प्रशासन यहां तक कि जनप्रतिनिधि भी इस महिला की मदद करने आगे नहीं आ रहे हैं।
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