भाजपा का आक्रामक प्रचार और
कांग्रेस बचाव की मुद्रा में आई
सच्चिदानंदशेकटकर
समूह संपादक
जबलपुर (जय लोक)। प्रदेश में लोकसभा का सबसे रोचक मुकाबला जबलपुर संभाग के छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में हो रहा है पूरे प्रदेश में छिंदवाड़ा सबसे हॉट सीट बन गई है। छिंदवाड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का अभी तक गढ़ बना हुआ है लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी ने छिंदवाड़ा सीट को कमलनाथ से हर हाल में छीनने की रणनीति बनाई हुई है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को इस बार हर हाल में जीतने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाला हुआ है शाह के निशाने पर कमलनाथ सीधे आए हुए हैं। भाजपा छिंदवाड़ा में यह पहला अवसर है जब भाजपा चुनाव में बेहद आक्रामक दिख रही है और कांग्रेस को अपने इकलौते गढ़ को बचाने के लाले पड़ रहे हैं और कांग्रेस बचाव की मुद्रा में नजर आ रही है। प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एकमात्र सीट छिंदवाड़ा की ही जीत पाई थी। यहां से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ 30 हजार के करीब वोटो से चुनाव जीत पाए थे। मध्य प्रदेश की राजनीति में अपनी दखलअंदाजी रखने वाले भाजपा की चुनावी रणनीति के महारथी गृहमंत्री अमित शाह ने छिंदवाड़ा में भाजपा को जिताने का मोर्चा खुद संभाल हुआ है। उनके सीधे निशाने पर कमलनाथ बने हुए हैं। गृहमंत्री अमित शाह खुद भी छिंदवाड़ा में जाकर यह ऐलान कर चुके हैं कि इस बार भाजपा लोकसभा का चुनाव हर हाल में जीतेगी। अमित शाह प्रदेश के भाजपा के दिग्गज नेताओं को लगातार छिंदवाड़ा में सक्रिय कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव भी छिंदवाड़ा में भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान को गर्म कर चुके हैं। इसके पूर्व छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके प्रदेश के मंत्री प्रहलाद पटेल को भी छिंदवाड़ा में भाजपा के प्रचार अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे छिंदवाड़ा के हर विधानसभा क्षेत्र में सभाएं और बैठकें कर चुके हैं। श्री पटेल भी यह दावा कर रहे हैं कि भाजपा इस बार छिंदवाड़ा में चुनाव जीतेगी।कल्सटर प्रभारी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय छिंदवाड़ा में पूर्व में डेरा डाल चुके हैं। उन्होंने छिंदवाड़ा में भाजपा के नाराज नेताओं को मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नाराज नेताओं को चुनाव मैदान सक्रिय भी किया।
भाजपा की हुंकार, जीतेंगे छिंदवाड़ा इस बार
इस बार छिंदवाड़ा में नारा लग रहा है कि भाजपा की हुंकार जीतेंगे छिंदवाड़ा इस बार। भाजपा ने छिंदवाड़ा में कांग्रेस के गढ़ को फतह करने के लिए जीत का अलग से प्लान बनाया है।भाजपा ने इस प्लान के अंतर्गत सबसे पहले छिंदवाड़ा में कांग्रेस का मनोबल तोडऩे की रणनीति बनाई और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को दल बदल कराकर भाजपा में शामिल करने का अभियान शुरू किया। कमलनाथ के करीबी कांग्रेस के अमरवाड़ा के मौजूदा विधायक छिंदवाड़ा के महापौर और कांग्रेस के कुछ को पार्षदों को भाजपा में शामिल कराया गया। इसके बाद कमलनाथ के सबसे करीबी पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना को भाजपा ने अपने घेरे में लिया। पहले उनके बेटे को भाजपा में शामिल कराया और बाद में दीपक सक्सेना खुद भाजपा में शामिल हो गए। कमलनाथ खुद दीपक सक्सेना को मनाने उनके घर भी गए लेकिन वो नहीं माने।
नौ बार कमलनाथ चुनाव लड़ चुके हैं
छिंदवाड़ा कांग्रेस का शुरू से ही मजबूत गढ़ रहा है। यहां से श्रीमती इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे के रूप में मशहूर कोलकाता के बड़े कारोबारी कमलनाथ को छिंदवाड़ा से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ाया गया और वे लगातार लोकसभा के नौ चुनाव लड़ चुके हैं।
पिछली बार में विधानसभा का चुनाव लड़े और अपनी लोकसभा सीट पर अपने बेटे को उम्मीदवार बनवाकर उसको भी चुनाव जितवा दिया।
कमलनाथ धनबल में कहीं से भी कमजोर नहीं लेकिन कांग्रेस की आंतरिक राजनीतिक दृष्टि से वह कमजोर जरूर हुए हैं। विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस करारी हार का सामना करना पड़ा। इसलिए कांग्रेस में उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया। वहीं कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें ने कमलनाथ को और भी संदिग्ध बना दिया और उनके समर्थकों को अपना भविष्य भी खतरे में नजर आने लगा।लेकिन अब सवाल यह है कि क्या कमलनाथ अपना गढ़ को बचा पाएंगे अपने बेटे नकुलनाथ को चुनाव जितवा पाएंगे यह चुनावी नतीजे से ही पता चल सकेगा।
