जबलपुर (जयलोक)। डीआईजी कार्यालय में पदस्थ आरक्षक ने फाँसी लगाकर आत्म हत्या कर ली। आरक्षक रांझी क्षेत्र में रहता था। कल शाम वह घर से बाहर टहलने निकला और वापस आकर अपने कमरे में चला गया। परिवार वालों को लगा कि वह सो गया है इसलिए किसी ने दरवाजा नहीं खोला। आज सुबह जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो परिवार वालों ने दरवाजे को किसी तरह खोला और अंदर जाकर देखा तो आरक्षक फाँसी पर लटका था। आरक्षक ने यह कदम क्यों उठाया है इसका पता नहीं चल पाया। पुलिस ने मर्ग कायम कर आत्म हत्या के कारणों की जाँच शुरू कर दी है।
मृतक आरक्षक का नाम सचिन कनौजिया था, जो डीआईजी कार्यालय में पदस्थ था। एक साल पूर्व ही पिता की मृत्यु के बाद उसे अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। लेकिन इस एक साल में न जाने ऐसा कुछ हुआ कि सचिन परेशान रहने लगा। अपनी परेशानी की वजह वह अपने परिवार वालों को भी नहीं बताता था। रविवार शाम को सचिन खाना खाकर बाहर टहलने निकला था। वापस लौटकर अपने कमरे में सोने चला गया। सुबह परिवार वालों ने देखा तो उसका शव फाँसी पर लटका था। आरक्षक की मौत से जहाँ उसका परिवार गहरे सदमें में हैं तो वहीं उसके साथी पुलिस कर्मचारियों को विश्वास नहीं हो रहा है कि सचिन ने यह कदम उठाया है। पुलिस ने शव को पीएम के लिए भिजवाते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।
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