जबलपुर (जय लोक)।
श्री बगलामुखी सिद्ध पीठ शंकराचार्य मठ सिविक सेंटर मढ़ाताल में शंकराचार्य द्वय का दण्ड दीक्षा – संन्यास दिवस मनाया गया। ब्रह्मचारी चैतन्यानंद महाराज ने बताया कि परम पूज्य अनंत श्री विभूषित ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने से 22 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को काशी के पुनीत धाम पर अपने दो सुयोग्य ब्रह्मचारी सदानंद महाराज एवं अविमुक्तेश्वरानंद महाराज को दण्ड संन्यास देकर के कमश: सदानंद सरस्वती एवं अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती नाम दिया था। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज को संन्यास दीक्षा दिए हुए 22 वर्ष पूर्ण हों गये। अत्यंत गौरव प्रसन्नता की बात है कि जब वह 21 वे वर्ष में प्रवेश किए तब वह ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य हो चुके। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य के रूप में यह उनका दूसरा दंड संन्यास दिवस है अनंत श्री विभूषित ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज का यह 22 वां दण्ड संन्यास दिवस है। यहां श्री बगलामुखी सिद्ध पीठ शंकराचार्य मठ में भक्तों ने बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया तथा इसी प्रकार से सनातन धर्म की सेवा करते रहे सदा सर्वदा धर्म के मार्ग पर चलते रहें और लोगों को सत प्रेरणा देते रहें। इसी भावना से हम सभी लोगों ने मिलकर भगवती बगलामुखी की उपासना अर्चना एवं महाआरती की तथा उनके दीर्घायु की मंगल कामना की। जहां नीता श्याम चौदाहा,राजा तिवारी,ऋषि अग्रवाल, पंकज दुबे, महेश पुरुस्वानी, मनोज सेन आदि उपस्थित रहे।