पुलिस जांच के नाम पर कार्रवाई के लिए रुकी, थाने में हुआ प्रदर्शन
जबलपुर जय लोक। राइट टाउन प्रेम मंदिर के पास स्थित सनराइज स्पा में आज दोपहर 2:00 से जमकर हंगामा चल रहा है। इस हंगामा में शिवसेना भी मैदान में कूद पड़ी और पूर्व विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनय सक्सेना ने भी पुलिस अधीक्षक से लेकर थाना प्रभारी तक से चर्चा करने नाबालिक बच्चियों के माता-पिता की एफआईआर दर्ज करने की मांग की। कांग्रेस नेता विनय सक्सेना ने नाबालिग बच्चियों को प्रलोभन देने और नाबालिग बच्चियों से स्पा सेंटर में कार्य करवाने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज न करने की बात पर रोष व्यक्त किया और उचित कार्यवाही न होने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी। मामले के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार एक निजी स्कूलों में अध्यनरत 12वीं कक्षा की दो नाबालिक बच्चियों आज मुख्य परीक्षा देने स्कूल में उपस्थित नहीं हुई। स्कूल की ओर से जब बच्चियों के परिजनों को इस बात की सूचना दी गई तो तो उन्होंने बताया कि उनकी बच्चियों तो सुबह स्कूल ड्रेस में घर से निकली है। इस बात की जानकारी मिलते ही स्कूल प्रबंधन और बच्चियों के माता-पिता ने उनकी तलाश शुरू की और जब बच्चियों मिली तो उन्होंने बताया कि वह सनराइज स्पा सेंटर जो कि किसी आर्यन शर्मा का है वहां चली गई थी। बच्चियों ने परिवार जनों को बताया कि स्पा सेंटर के मालिक ने उन्हें प्रलोभन दिया था और वह उन्हें इंदौर भेजने की फिराक में था।
इस बात को लेकर परिजनों की ओर से बड़ी संख्या में अधिवक्ता भी थाने पहुंच गए और स्पा सेंटर के मालिक के खिलाफ फिर दर्ज करने की मांग करने लगे। सूत्रों ने बताया कि स्पा सेंटर के मालिक का भाजपा के एक जनप्रतिनिधि से करीबी संबंध है और एफआईआर दर्ज ना किए जाने और समझौता करने के लिए कई प्रकार के दबाव बच्चियों के परिजनों तक आ रहे हैं। 2:00 बजे से लेकर रात 9.30 बजे तक इस मामले में पुलिस जांच के नाम पर मामले को लटकाए हुए थी और प्रारंभिक जांच में यह भी नहीं पता कर पा रही थी कि नाबालिग बच्चियों को किस प्रकार का प्रलोभन देकर कब से स्पा संचालक द्वारा अनैतिक कार्य करवाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार है ऐसी और भी अनेक नाबालिग बच्चियों मोटी रकम और ऐश की जिंदगी के लालच में अनैतिक गतिविधियां संचालित करने वाले स्पा सेंटर के संचालकों के प्रलोभन में आ जाती हैं। समाचार लिखे जाने तक थाने में काफी लोगों की भीड़ इकट्ठा थी बड़ी संख्या में वकील मौजूद थे और पुलिस ने जांच के नाम पर एफआईआर दर्ज नहीं की थी जबकि मामला नाबालिक बच्चों को प्रलोभन देकर अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त करने का है उसके बावजूद भी ना जाने किस दबाव में एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है।