रजिस्ट्री कार्यालय में दलालों का राज
जबलपुर (जय लोक)। शहर के रजिस्ट्री ऑफिस में क्या माहौल है,किसका राज चल रहा है इसका प्रमाण कल संजीवनी नगर थाने में हुई रिपोर्ट के बाद स्पष्ट रूप से सभी के सामने आ गया है। जबलपुर में बैठे उप पंजीयक पूरे तरीके से अपने दलालों पर निर्भर हैं। आंख बंद करके कार्य करने का ढर्रा ऐसा चल रहा है कि न्यायालय के आदेश तक को यहां बैठे हुए उप पंजीयन सूचना होने के बावजूद भी इज्जत नहीं दे रहे हैं। घोर अंधेर नगरी में काम कैसे होता है इसकी एक बानगी कल देखने को मिली। जिस संपत्ति पर न्यायालय द्वारा जून 2023 में स्टे दिया था और जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लगाते हुए आदेश पारित कर दिया था। आवेदकों ने न्यायालय के आदेश की सूचना उप पंजीयन कार्यालय जबलपुर क्रमांक 2 में पदस्थ तीनों रजिस्ट्रार को दे दी थी। लेकिन इस सुरक्षात्मक कदम का दलाली प्रथा और कमीशनबाजी के चक्कर में कोई असर नहीं हुआ। जिन लोगों के खिलाफ न्यायालय से स्टे आर्डर पारित हुआ था, उन लोगों ने एक सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से इतने महत्वपूर्ण तथ्य को छुपाते हुए मेसर्स जय माँ एसोसिएटस के श्रवन कुमार आसवानी और अशेाक कुमार पारवानी बिल्डर को रजिस्ट्री कर दी। पीडि़त पक्ष जब पुलिस के पास पहुँचा और उसने सारी दास्तान बताई इसके बाद जाँच पड़ताल में रजिस्ट्री कार्यालय में व्याप्त दलालों के राज का खुलासा हुआ।
कोर्ट के आर्डर को कैसे नजरअंदाज कर गए उप पंजीयक
इस पूरे मामले की जांच पड़ताल के दौरान यह सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई है कि न्यायालय से पारित हुए स्टे की जानकारी आवेदक ने खुद उपपंजीयकों को दी थी उसके बावजूद भी न्यायालय के आदेश का ध्यान न रखते हुए धोखाधड़ी का कार्य किया गया मामला इसलिए अभी संदिग्ध नजर आ रहा है। क्योंकि जिन लोगों ने उक्त भूमि बेची वह पहले से ही इस जमीन पर कब्जा कर के बैठे थे और जमीन का सौदा भी एक बिल्डर से किया गया है। शिकायतकर्ता ने उपपंजीयक भरत सिंह पर सर्विस प्रोवाइडर कमलेन्दु शरण शुक्ला के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया।
कौन है फोटोकॉपी वाला अवैध वेंडर
इस पूरे हंगामा के बीच एक बात और स्पष्ट रूप से सामने आई है कि कलेक्ट्रेट में रजिस्ट्री कार्यालय के पास एक फोटोकॉपी वाला अवैध वेंडर काफी चर्चित है जो पूरी तरीके से गैर कानूनी रूप से यहां पर अपनी दुकान चल रहा है । यह वही व्यक्ति है जो अधिकारियों और दलालों के साथ मिलकर गैर कानूनी कार्यों को संपादित करने में अपनी भूमिका अदा करता है। इसके बारे में लगातार शिकायतें सामने आ रही है लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसे व्यक्ति को चिन्हित कर कार्रवाई करना आवश्यक है पुलिस को अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए ऐसे दलालों को भी चिन्हित कर कार्रवाई करनी चाहिए तभी यहां दलालों का राज खत्म हो पाएगा।
किसकी जमीन और किसने की शिकायत
संजीवनी नगर थाने से प्राप्त जानकारी के अनुसार गढ़ा निवासी स्वामी दत्त प्यासी ने शिकायत की थी कि न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद भी उनके रिश्तेदारों ने धोखाधड़ी करते हुए जालसाजी करते हुए उनकी जमीन बेच दी है। शिकायत की जांच में यह पाया गया कि ग्राम मुंगेली में स्वामी दत्त प्यासी और उनके परिवार की 5.73 हेक्टेयर कृषि भूमि है। उक्त भूमि पर वह वर्षों से खेती किसानी करते चले आ रहे हैं। किसी बीच उनके रिश्तेदार गढ़ा के रहने वाले विद्या बाई प्यासी, आशीष प्यासी, प्रवीण प्यासी, सौरभ, हरीश प्यासी आदि ने न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर राजस्व रिकॉर्ड पर अपना नाम चढ़ा लिया। जब उनको इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने 13 जून 2023 को न्यायालय से जमीन की खरीदी बेची किए जाने पर स्टे आर्डर ले लिया था।