स्वाति, दिव्या, अश्विनी के नाम चर्चा में, और भी महिलाओं ने की दावेदारी
जबलपुर (जयलोक)
लोकसभा चुनाव का माहौल गर्माने लगा है अब मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी कौन होगा इस बात की चर्चाएं जोर पकड़ती जा रही हैं। कयासों के दौर में कई नाम निकलकर सामने आ रहे हैं। जबलपुर लोक सभा सीट के लिए महिला प्रत्याशियों द्वारा की गई दावेदारी भी चर्चा में बनी हुई है। जबलपुर में महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारे जाने के कई ठोस समीकरण भी बनते नजर आ रहे हैं।
केंद्र शासित मोदी सरकार अपने शासन में महिलाओं की भूमिका के 33 प्रतिशत का विशेष ध्यान रखती है। इस बार जबलपुर की आठ विधानसभा सीटों में से किसी भी एक विधानसभा सीट पर भी भाजपा की ओर से महिला प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा गया। इसलिए इस बात के कयास अधिक लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी अपने महिलाओं को आगे रखने के फार्मूलेे को ध्यान में रखते हुए जबलपुर लोकसभा सीट से किसी महिला प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है। वहीं कुछ पुरुष उम्मीदवारों के नाम भी चर्चा में बने हुए हैं। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी में लंबे अरसे से सक्रिय कुछ महिला नेत्रियों के नाम चर्चा में आ गए हैं।
पूर्व महापौर स्वाति गोडबोले, महिला मोर्चा में लंबे समय से सक्रिय दिव्या बाजपेई और अश्वनी परांजपे के नाम चर्चाओं में आए हैं। विगत दिनों जबलपुर लोकसभा क्लस्टर के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के समक्ष भी इन महिला नेत्रियों ने पार्टी फोरम पर अपने दावेदारी पेश की थी। मोदी सरकार राजनीतिक क्षेत्र में भी महिलाओं की 33 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कार्य करती है। उच्च शिक्षित समाज कल्याण और महिला कल्याण से जुड़ी ऐसी महिला नेत्री जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा संगठन एवं समाजसेवी संस्थाओं से जोड़कर लंबे अरसे से कार्य करती आ रही है उन्हें ये अवसर प्राप्त होने की संभावनाएं अधिक है। इसके अलावा भी कुछ और महिला नेत्रियों ने पार्टी फार्म पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। हालांकि भाजपा में अंतिम निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर निर्मित हुई चयन समिति के द्वारा ही किया जाने की बात कहीं जा रही है। लेकिन यह बात भी लंबे अरसे से चर्चा में बनी हुई है कि इस बार भाजपा अपने लोकसभा प्रत्याशियों के रूप में परंपरागत राजनीतिक क्षेत्र के सक्रिय लोगों के अलावा शिक्षा जगत, स्वास्थ्य जगत और अन्य विद्या के महारथियों जो उच्च शिक्षित व्यक्तित्व है उन्हें भारतीय जनता पार्टी लोकसभा भेजने का कार्य कर सकती है।
स्वाति गोडबोले
दो दशकों से अधिक से सक्रिय राजनीति का शामिल। बड़े अंतर से जीत था महापौर का चुनाव। लगातार संघ और संगठन के कार्यों में सक्रियता से भागेदारी।
दिव्या बाजपेई
2009 से भाजपा में सक्रिय, महिला मोर्चा में पदाधिकारी रहते हुए मंडल मंत्री, फिर जिला कार्यकारिणी सदस्य रहीं है। विभिन्न सामाजिक संगठनों में पदाधिकारी, स्कूल संचालिका, समाज सेवा और संघ के कार्यकमों सक्रिय उपस्थिति।
अश्वनी परांजपे
ढाई दशक से भाजपा में सक्रिय छात्र राजनीति से शुरुआत की, विद्यार्थी परिषद में राष्ट्रीय मंत्री रही आगे चलकर महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष फिर प्रदेश महामंत्री और भाजपा की प्रवक्ता भी रही।
