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कांग्रेस से बेटे की जीत को आसान नहीं मान रहे कमलनाथ

राज्यसभा जाने में नाकामी से विचलित नाथ भाजपा में जाने की तैयारी में लगे  

@सच्चिदानंद शेकटकर
जबलपुर (जयलोक)। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के  भाजपा में जाने की अटकलें अब तेज हो गई हैं। उनके कांग्रेस से मोह भंग होने की वजह भी स्पष्ट नजर आ रही है। एक तो वे इस बार अपने सांसद बेटे नकुलनाथ के राजनैतिक भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। दूसरी वजह कमलनाथ राज्य सभा में न जा पाने में अपनी नाकामी से भी विचलित हैं। इसलिए वे भाजपा में शामिल होने की तैयारी में लग गए हैं। आज कमलनाथ के सभी कार्यक्रम रद्द कर अचानक बेटे नकुलनाथ के साथ दिल्ली रवाना होने को लेकर भाजपा में जाने की अटकलें और तेज हो गई हैं।
कलकत्ता के बड़े कारोबारी कमलनाथ को पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा माना जाता रहा है। श्रीमती इंदिरा गांधी कमलनाथ को मध्य प्रदेश की राजनीति में लेकर आईं और कमल नाथ को छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव लड़वाकर उनको जीत भी दिलवाई। कमलनाथ सिर्फ  एक बार भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा से लोकसभा का चुनाव छिंदवाड़ा से हारे। इसके बाद कमलनाथ लगातार लंबे समय तक छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव जीतते आ रहे थे।    2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए राहुल गांधी ने कमलनाथ के साथ ही दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया को एकजुट करके विधानसभा का चुनाव जितवाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस चुनाव जीती और कमलनाथ प्रदेश की राजनीति में आ गए, कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही विधानसभा में कांग्रेस की जीत के बाद कमलनाथ को मुख्यमंत्री भी बनाया गया। लेकिन 18 माह में ही उनकी सरकार को भारतीय जनता पार्टी ने ज्योतिराज सिंधिया से बगावत कराकर कमलनाथ को मुख्यमंत्री की गद्दी से नीचे उतार दिया।
अभी जो विधानसभा के चुनाव हुए हैं उन चुनाव में कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ी और बुरी तरह से चुनाव भी हारी, इस चुनावी हार का मनोवैज्ञानिक असर कमलनाथ पर भी पड़ा है और वह इस हार के बाद से ही अपने आप को असहज अनुभव करते आ रहे हैं। कमलनाथ भाजपा के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति अपने लगाव को भी सार्वजनिक करते आ रहे हैं। कमलनाथ से मिलने जहां मुख्यमंत्री उनके घर गए और इन दोनों के बीच एक घंटे तक बंद कमरे में बातचीत भी हुई। वहीं मुख्यमंत्री से मिलने कमलनाथ भी गए। अभी दो-तीन दिन पूर्व एक बार फिर मुख्यमंत्री से मिलने कमलनाथ गए हुए थे। मुख्यमंत्री से लगातार उनका मिलना कई तरह के संदेहों को भी जन्म दे रहा था।
अब जब लोकसभा के चुनाव सर पर हैं तब कमलनाथ को एक चिंता यह भी सता रही है कि उनके बेटे नकुलनाथ क्या कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव जीत पाएंगे। पिछले चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने छिंदवाड़ा में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को जमकर टक्कर दी थी। उनके बेटे नकुलनाथ करीब 30000 वोट से ही चुनाव जीत पाए थे। प्रदेश में छिंदवाड़ा की एक मात्र सीट से कांग्रेस बमुश्किल चुनाव जीत पायी थी। अब एक बार फिर नकुलनाथ ने खुद ही यह ऐलान कर दिया है कि वह छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। लेकिन प्रदेश का राजनीतिक घटनाक्रम कमलनाथ को लेकर तेजी से बदल रहा है। जब कांग्रेस के नेताओं के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने को लेकर कमलनाथ से सवाल किए गए तो उनका जवाब था कि कोई कहीं भी जा सकता है। उनका यह जवाब उनके ढुलमुल रवैये को भी साबित करने वाला रहा है। उनका जवाब यह भी संकेत माना गया कि वह भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। कमलनाथ के विचलित होने की एक वजह यह मानी जा रही है कि इस बार छिंदवाड़ा से उनके बेटे नकुल नाथ कांग्रेस से शायद ही चुनाव जीत सकें। इसलिए बेटे के राजनेतिक भविष्य को कांग्रेस में रहते हुए शायद दांव पर नहीं लगाना चाह रहे होंगे। इसलिए भी कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी नकुल नाथ को छिंदवाड़ा से अपना उम्मीदवार भी बना देगी। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने और विशेषकर भाजपा की चुनावी रणनीति के महारथी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बहुत पहले ही यह ऐलान कर दिया है कि भाजपा इस बाहर हरहाल में छिंदवाड़ा सीट पर जीत हासिल करेगी। छिंदवाड़ा सीट को जीतने के लिए अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाला हुआ है उन्होंने अपने विश्वस्त लोगों की टीम को भी छिंदवाड़ा में सक्रिय कर दिया है।

राज्यसभा में नहीं जा पाए कमलनाथ
कमलनाथ इस बार राज्यसभा के चुनाव में उम्मीदवार बनकर केन्द्र की राजनीति में सक्रिय होना चाह रहे थे। उन्होंने कांग्रेस  नेत्री श्रीमती सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। लेकिन उनके राजसभा में जाने के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए।

नकुलनाथ ने प्रोफाईल से कांग्रेस  और चुनाव चिन्ह को हटाया
छिंदवाड़ा से सांसद और कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने कांग्रेस  छोडक़र बीजेपी में जाने की अफवाहों को और भी आज हवा दे दी, उन्होंने आज सोशल मीडिया प्लेटफार्म की प्रोफाईल से कांग्रेस  का नाम और चुनाव चिन्ह हटा दिया। इस वजह से भी उनके भाजपा में जाने की अफवाहों पर मोहर लगती दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कमलनाथ और नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने को लेकर उनका भाजपा में स्वागत है और भाजपा के दरवाजे उनके लिए खुले हैं। उनके इस बयान से भी अटकलें और तेज लगने लगी हैं।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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