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स्टोन क्रेशर की फेंसिंग में फँस गया तेंदुआ, बेहोश करने की थी तैयारी तभी छूटकर भागा

डीएफओ भी पहुँचे मौके पर

जबलपुर (जय लोक)।
कुंडम क्षेत्र के ग्राम बिछुआ में मुख्य मार्ग में आज सुबह एक तेंदुए को कटीले तारों में फंसा हुआ देखा गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पहले स्थानीय वन विभाग के अधिकारियों को दी उसके बाद इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची। जिसके बाद (डीएफओ) वन मंडल अधिकारी ऋषि मिश्रा भी टीम के साथ मौके पर जा पहुंचे। फंदे में बुरी तरह फंसे तेंदुए को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू विशेषज्ञों के साथ ही वेटरनरी चिकित्सकों की टीम को भी मौके पर बुलाया गया है। वन मंडल अधिकारी ऋषि मिश्रा के अनुसार सुबह ग्रामीणों को घायल और फसें हुए तेंदुए की गुर्रहट की आवाजें सुनाई दी। जिसके बाद ग्रामीणों ने नजदीक जाकर देखा गया तो बिछुआ स्थित एक निजी स्टोन क्रेशर की फेंसिंग के समीप मुख्य मार्ग पर तेंदुआ तारों में उलझा हुआ था। तत्काल ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के स्थानीय अमले को दी। सूचना मिलते ही अमला मौके पर पहुंच गए। तेंदुए के पैर में तार कसा हुआ होने के चलते वह निकाल नहीं पा रहा था। फेंसिंग के तार में उलझे तेंदुए की स्थिति को देखते हुए वहां मौजूद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चिकित्सकों के साथ चर्चा कर यह तय किया कि तेंदुए को घायल होने से बचने के लिए ट्रेंकुलाइज कर बेहोश किया जाए उसके बाद उसे रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया जाए। विशेषज्ञों का मानना था कि बिना बेहोश किये तेंदुए को रेस्क्यू करना खतरनाक हो सकता है क्योंकि इस दौरान रात भर से फंसा तेंदुआ आक्रामक होकर बचाव दल पर ही हमला कर सकता है। तेंदुए को देखने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण इक_ा हो गए थे जिसके कारण तेंदुआ और भी आक्रामक हो रहा था और अशांत था। उसके लगातार जोर लगाकर तार से छूटने के प्रयास में उसके पैर की चमड़ी को और अधिक नुकसान पहुंच सकता था एवं वह और अधिक घायल हो सकता था। एक बीच वन विभाग के अधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि पहले उसे ट्रेंकुलाइज कर बेहोश किया जाए और फिर उसे रेस्क्यू किया जाए। विशेषज्ञ ने जैसे ही ट्रेंकुलाइजर गन में दवा की डॉट डालकर  तेंदुए पर दागी तो वह अचानक फेंसिंग से छूट गया और भाग कर गांव की ओर झाडिय़ां में जा छिपा। फिलहाल वन विभाग की टीम मौके पर बनी हुई थी और तेंदुए को सुरक्षित रूप से वापस जंगल की ओर भेजने की कार्यवाही कर रही थी। जानकारों का कहना है कि कुछ अंतराल के बाद जब तेंदुए थोड़ा शांत हो जाएगा और मौके से ग्रामीणों की भीड़ को हटा दिया जाएगा तो वह स्वयं भी जंगल की ओर चला जाएगा। वन विभाग के अधिकारी घटना के संबंध यह भी जांच करेंगे की तेंदुआ शिकारी द्वारा निर्मित फंदे में फंसा था या सामान्य रूप से धोखे से फेंसिंग में फस गया था।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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