जबलपुर जय लोक। मध्य प्रदेश सरकार ने आयुष्मान योजना उन गरीब लोगों के लिए शुरू की थी जो इलाज के अभाव में बीमार पड़े रहते हैं या फिर उचित इलाज न मिल पाने के कारण दम तोड़ देते हैं। लेकिन कुछ अस्पतालों ने आयुष्मान योजना को बड़े घोटाले का और सरकार को लूटने का जरिया बना लिया। जबलपुर शहर के पांच अस्पतालों के संबंध में आयुष्मान विभाग को घोटाले बाजी कर मरीज को लूटने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। जांच जब आगे बढ़ी तो दीक्षितपूरा स्थित सेठ मन्नू लाल जगन्नाथ ट्रस्ट अस्पताल, उखरी चौक के पास स्थित एक निजी अस्पताल, कटंगी मार्ग स्थित संस्कारधानी हॉस्पिटल, दीक्षित प्राइड तैयब अली के पास स्थित इंफिनिटी हार्ट इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल में कई प्रकार की गड़बड़ियों का खुलासा हुआ। जांच में यह बात भी सामने आई की इन अस्पतालों में आयुष्मान योजना के हितग्राहियों को निशुल्क उपचार का झांसा देकर भर्ती करवाया जाता था और उपचार के राशि का बड़ा हिस्सा मरीजों से ही वसूल लिया जाता था। उसके बाद शासन को चूना लगाने की नीयत से अलग से आयुष्मान योजना के अंतर्गत क्लेम का प्रकरण तैयार कर बढ़ा चढ़ा कर राशि का दावा किया जाता था। यह पूरा घोटाला स्वास्थ्य विभाग की जांच में पकड़ा गया इसके बाद इन निजी अस्पतालों के आयुष्मान योजना के तहत प्रस्तुत किए गए क्लेम प्रकरण को रोक दिया गए और इन पर जुर्माना की कार्यवाही भी की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई इस जांच की आंच में आएंगे । सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस टीम ने जांच की थी उसमें दिल्ली और भोपाल के अधिकारी संयुक्त रूप से यह कार्य कर रहे थे। टीम के सदस्य जब शिकायतकर्ता मरीजों से मिले तो पूरे घोटालेबाजी की तस्वीर साफ हो गई। इन निजी अस्पतालों द्वारा किये गए घोटालेबाजी के कृत्य के अनुसार इन पर अलग-अलग राशि का जुर्माना लगाया गया है। सबसे ज्यादा जुर्माना बदनामी से घिरे रहने वाले संस्कारधानी अस्पताल पर 19 लाख रुपए का लगाया गया है। इंफिनिटी हार्ट इंस्टीट्यूट जबलपुर पर 14 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। सभी अस्पतालों पर लगाए गए जमाने की राशि 75 लाख के करीब है।
आयुष्मान योजना के नाम पर मरीज को सूत्रों के अनुसार भर्ती कर उपचार का पैसा मरीजों से भी डरा धमका कर वसूल लिया जाता था और बाद में योजना के तहत क्लेम बनाकर शासन को भी इसका बिल भुगतान के लिए प्रस्तुत कर दिए जाते थे। भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार वैसे तो 76 अस्पतालों पर जुर्माने की कार्रवाई हुई है। इन सभी अस्पतालों पर 36 करोड रुपए का जुर्माना लगाया गया है जिन लोगों को आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी अस्पताल के दबाव में पैसा देना पड़ा था उन्हें भी 1.86 करोड रुपए की राशि वापस लौटाई गई है।
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