जबलपुर (जयलोक)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री तथा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ के भारतीय जनता पार्टी में कल से चल रही खबरों के बाद से ही शहर और जिले के कांग्रेसियों में खलबली मची हुई है। जबलपुर में कमलनाथ के समर्थकों की सबसे ज्यादा संख्या है। इस लिहाज से यदि कमलनाथ भाजपा में चले जाते हैं तो जबलपुर की राजनीति में बड़ा उलटफेर भी हो सकता है।
कमलनाथ के गुट का जबलपुर कांग्रेस की राजनीति में पिछले तीन दशक से वर्चस्व है। यदि कमलनाथ भाजपा में जाते हैं तो उनके गुट से जुड़े स्थानीय नेताओं की पकड़ संगठन में कमजोर होगी। जानकार कह रहे हैं कि नाथ के जाते ही दिग्विजय सिंह गुट के हाथ में जिला कांग्रेस की पूरी राजनीति केन्द्रित हो जाएगी। आज कमलनाथ को छोडक़र, अब कमोबेश सभी यह कहते नजर आ रहा है कि कमलनाथ जा रहे हैं। पिछले करीब 7 साल से प्रदेश कांग्रेस की राजनीति संगठन के शीर्ष पर कमलनाथ विराजमान रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े वरिष्ठ नेता माने जाते हैं। पिछले दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री का चेहरा रहे, कमलनाथ अगर सच में भाजपा में चले जाते हैं, तो इसके क्या परिणाम आएंगे, इस पर चर्चा का दौर जारी है। जबलपुर के हर खास-ओ-आम में जहां नाथ के जाने न जाने पर चर्चा है, तो कांग्रेस खेमे के नेता यह अनुमान लगा रहे हैं कि नाथ के जाने के बाद जबलपुर की कांग्रेस की राजनीति में क्या बदलाव आएंगे।
लखन और तरुण हैं खास
गौरतलब है कि जिले की 8 सीटों में सिर्फ पूर्व में ही कांग्रेस के विधायक चुनाव जीते हैं। कहा जाता है कि विधायक लखन घनघोरिया कमलनाथ के करीबी हैं। लेकिन पूर्व क्षेत्र के जमीनी राजनीतिक समीकरण और भाजपा विरोधी वोटों का पूर्व क्षेत्र की राजनीति में वर्चस्व के चलते लखन घनघोरिया के नाथ के साथ जाने की संभावनाएं नगण्य हैं। वहीं दूसरी तरफ नाथ सरकार में वित्त मंत्री रहे पश्चिम के पूर्व विधायक तरुण भनोत भी जबलपुर में नाथ के खास माने गये हैं। लेकिन पश्चिम के ही नेता जगत बहादुर अन्नू के भाजपा में जाने के बाद उनके जाने की भी अब कोई संभावना नहीं दिखती है।
दिग्विजय गुट होगा हावी
कमलनाथ के मध्य प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने के बाद, दिग्विजय सिंह गुट का जबलपुर की राजनीति में प्रभाव घटा था। वहीं अगर कमलनाथ भाजपा में जाते हैं तो फिर स्वत: ही दिग्विजय सिंह से जुड़े नेताओं की जबलपुर और प्रदेश की राजनीति में पूछ परख और पकड़ बढ़ जाएगी। गौरतलब है कि रामेश्वर नीखरा, विनय सक्सेना, कदीर सोनी, कौशल्या गोंटिया जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय ङ्स गुट के माने जाते हैं।