चंडीगढ़ (एजेंसी/जयलोक)।
पंजाब के अमरूद के बागों में लगे पेड़ों के मुआवजे में 137 करोड़ का घोटाला हुआ है। मामले में अब तक 21 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसी मामले में बुधवार को ईडी ने पंजाब में दबिश दी। ईडी ने पंजाब और चंडीगढ़ सहित कुल 22 जगह पर छापेमारी की। ईडी ने फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमन और पंजाब एक्साइज कमिश्नर वरुण के घर पर छापामारी कर घोटाले से जुड़े साक्ष्य और पूछताछ की।
बता दें कि मामले में बीते 30 जनवरी को पंजाब विजिलेंस ने बागवानी विकास अधिकारी जसप्रीत सिंह सिद्धू को गिरफ्तार किया था। लगभग 180 एकड़ जमीन पर मौजूद फलदार वृक्षों का मूल्यांकन सिद्धू, एच डी.ओ. द्वारा किया जाना अनिवार्य था, जबकि उसने निरीक्षण/मूल्यांकन के लिए केवल एक बार ही एक्वायर की गई जमीन का दौरा किया था और कुल 207 खसरा नंबरों से संबंधित मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर दी, जो कि एलएसी, गमाडा की सर्वेक्षण सूची में अलग तौर पर दिखाया गया है। इसके अलावा, पाया गया कि उसने खसरा गिरदावरी रिकॉर्ड की फोटो कॉपियां प्राप्त की थीं, जिसमें अमरूद के बाग के लिए संबंधित जानकारी/संशोधन / तबदीली को स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता था। हालाँकि, उसने जानबूझ कर इन तथ्यों को नजरअंदाज कर पौधों की उम्र 4-5 साल दर्ज करके गलत मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर दी। विजीलेंस ब्यूरो ने अब तक लाभार्थियों और सरकारी अधिकारियां/ कर्मचारियों सहित कुल 21 दोषी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें जे.एस.जौहल,एल.ए.सी., वैशाली, एच.डी.ओ, बचित्तर सिंह, पटवारी आदि शामिल हैं। इसके अलावा कुछ लाभार्थियों द्वारा 100 प्रतिशत मुआवज़ा राशि जमा करवाने की पेशकश करने पर हाई कोर्ट द्वारा आगामी जमानत दी गई है और अन्य मुलजिमों ने भी ऐसा करना शुरू कर दिया है। इसके उपरांत, विजीलैंस ब्यूरो ने हाई कोर्ट के ज़मानत आदेशों को चुनौती देने के लिए भारत की सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच की और तथ्यों पर विचार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नोटिस जारी किए हैं।
