निगम प्रशासन ने ठोका सर्वाधिक साढ़े पाँच लाख का जुर्माना
अगली बार हाजिरी में घोटाला किया तो हो जाएंगे ब्लैक लिस्ट
जबलपुर (जयलोक)। हाल ही में नगर निगम प्रशासन ने एक बार फिर से सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सख्ती के साथ कदम उठाना प्रारंभ कर दिया है। शहर की सफाई व्यवस्था इसलिए चरमराई हुई है क्योंकि इसका काम करने वाली सफाई समितियाँ केवल घोटाला बाजीगरी, सफाई कर्मचारियों की हाजिरी खाने और उसकी मलाई आपस में बांटने का काम कर रही हैं। यह बात अब उजागर हो चुकी है और विगत दिनों नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रीति यादव द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाने बेहतर प्रयास किये जा रहे हैं। उनके द्वारा सख्ती से तेवर दिखाते हुए स्पष्ट रूप से सभी को हिदायत दी गई कि सफाई के कार्यों में किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जायेगा। निगमायुक्त ने निरीक्षण और पर्यवेक्षण के दौरान पाया कि जिन सफाई समितियों को शहर की सफाई का जिम्मा सौंपा गया है उनके द्वारा अनुबंध के अनुरूप सफाई संरक्षकों की उपस्थिति दर्ज नहीं कराई जा रही है और न ही सफाई व्यवस्था में कसावट लाने प्रयास किये जा रहे हैं जिसके कारण निगमायुक्त श्रीमती प्रीति यादव ने इन कामचोरी करने और हाजरी घोटाला करने वाली सफाई समितियों के खिलाफ शासन को चूना लगाने के आरोप में जमकर जुर्माना लगाया है। काम चोरी का कार्य करने वाली 4 सफाई समितियों पर यह दंडात्मक कार्यवाही हुई है। इन काम चोर, घोटालेबाज सफाई समितियों में बर्फानी सिक्युरिटी सर्विस का नाम सबसे ऊपर है। इस कंपनी के मालिक रितेश टंडन बताये जाते हैं। जिनके बारे में सोशल मीडिया में फ्रॉड होने की कई जानकारी भी सामने आयी हैं। इसके बारे में फिर कभी चर्चा करेंगे। वर्तमान में लेकिन बर्फानी सिक्योंरिटी सर्विस द्वारा की गई घोटालेबाजी ने एक बार फिर लोगों के बीच में चर्चा गर्म कर दी है। सफाई समिति संचालित कर रही कंपनी के मालिक कुछ दिन पहले ही भाजपा नेताओं के स्वागत में बड़ी-बड़ी फोटो लगाकर भी चर्चा में आये थे। वहीं कांग्रेस के नेताओं से अच्छे सम्बन्ध भी बताये जाते हैं। लेकिन जैसा की सबको पता ही है फर्जीवाड़े और घोटालेबाजी में किसी के भी सम्बन्ध काम नहीं आते हैं और हुआ भी कुछ ऐसा ही है।
निगमायुक्त श्रीमती प्रीति यादव द्वारा उपरोक्त सभी समितियों को यह भी हिदायत दी गई है कि अनुबंध के अनुसार सफाई संरक्षकों की उपस्थिति वार्डों में सुनिश्चित कराई जाये, अन्यथा अनुबंध निरस्तीकरण करते हुए संचालकों के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जायेगी जिसके लिए सभी सफाई समितियों के संचालक स्वयं जिम्मेदार होगें। अब देखना है चोर-चोर मौसरे भाई दुबारा मिलकर सफाई कर्मियों के हक का पैसा खाना ना शुरू कर दें।
इन कंपनियों पर लगा जुर्माना
2 बर्फानी सिक्योंरिटी सर्विस – 5 लाख 43 हजार 8 सौ 12 रूपये।
2 आर. प्रियांसी कं. एंड फैसिलिटी – 4 लाख 5 सौ 93 रूपये ।
2 अल्ट्रा क्लीन एण्ड केयर सर्विसिस – 2 लाख 04 हजार 7 सौ 11 रूपये।
2 माँ नर्मदा सफाई संरक्षक के ऊपर – 1 लाख 45 हजार 8 सौ 61 रूपये।
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